भोपाल, राज्य विधानसभा में आज दूसरे दिन भी प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ गई। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी द्वारा पू्र्ववर्ती भाजपा सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए कॉलेज के छात्रों को स्मार्ट फोन बांटने का आरोप लगाया तो पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये सामने क्या साधुओं की जमात बैठी है। इससे पहले मूल प्रश्नकर्ता सदस्य चेतन्यकुमार कश्यप द्वारा दो साल से स्मार्टफोन नहीं बांटने का मुददा उठाते हुए कहा कि स्मार्टफोन बांटने की ना तो समय सीमा बताई जा रही है और ना ही बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने स्मार्टफोन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सवाल किया सरकार स्पष्ट मत क्या है पता नहीं चल पा रहा है। जवाब में मंत्री पटवारी ने कहा कि अखबारों में स्मार्टफोन की गुणवत्ता को लेकर कई खबरें छपी, 2100-2200 में पिछली सरकार ने स्मार्टफोन कैसे दिए, इसकी जांच नए सिरे से कराई जाएगी।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इससे अच्छी योजना पर काम कर रही है। इस पर विधायक ने कहा कि सरकार 5000 का स्मार्टफोन दे, लेकिन स्पष्ट तो कर दें, अभी भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है। जवाब में मंत्री ने पुन: दोहराया कि प्रदेश के छात्रों के साथ भावनात्मक छलावा हुआ है, हमारी सरकारी अच्छी योजना लाएगी। इसकी समय सीमा बताना संभव नहीं है।
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने खडे होकर कहा कि मंत्री जी गोलमोल जवाब दे रहे हैं।स्पष्ट कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शौक जांच करवाएं लेकिन यह तो बताएं कि योजना बंद कर दी है या चालू है। जवाब में मंत्री ने कहा कि योजना बंद नहीं की है, योजना में कई खामियां है। उन्होंने कहा कि आप मुझे आपके मनमुताबिक जवाब देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। उन्होंने पुन: दोहराया कि यह योजना राजनीतिक लाभ लेने के लिए लाई गई थी। प्रतिउत्तर में भार्गव ने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए सवाल दागा कि राजनीतिक लाभ क्या होता है, क्या ये लोग साधुओं की जमात है। इनता सुनते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शोरशराबा शुरु कर दिया, और विपक्ष के सदस्य भी जोरजोर से बोलने लगे। शोरशराबे के बीच नेता प्रतिपक्ष ने आसंदी की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि अध्यक्ष जी जवाब तो दिला दीजिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि एक प्रश्न पर उलझ कर नहीं रहेंगे अगला प्रश्न भी महत्वपूर्ण है। आप क्रपया सदन चलाने में सहयोग प्रदान करे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जवाब नहीं मिल रहा है, मैं 108 विधायकों का प्रतिनिधि हूं, यहां क्यों बैठा हूं, उत्तर दिलवाए। अध्यक्ष ने कहा कि जवाब देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता हैं। इसके बाद शोरशराबा बढता देखकर अध्यक्ष द्वारा विधानसभा की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। पांच मिनट बाद दुबारा जब विधानसभा की कार्यवाही समवेत हुई तो फिर से नेता प्रतिपक्ष ने उत्तर दिलाने के मांग करते हुए अध्यक्ष से कहा कि एक प्रश्न का भी सही उत्तर नहीं मिल रहा है, उत्तर हवा में आ रहे हैं। भार्गव ने अध्यक्ष से कहा कि आप सदन के संरक्षक हैं, मैं 108 विधायकों का संरक्षक हूं जवाब दिलवाइए। बीच में बोलते सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि मंत्री जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मंत्री अपनी सीमा में जवाब दे रहे हैं। इसी बीच वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमे मंत्री जी की हां या ना से आपत्ति नहीं, लेकिन मंत्री जवाब तो दें। आसंदी से बीच में टोकते हुए अध्यक्ष ने कहा कि मुझे आपत्ति है, आप जवाब देने के लिए मंत्री जी को बाध्य नहीं कर सकते। मैं सदन की परंपरा का पालन कर रहा हूं। आने वाले प्रश्न भी उनते ही महत्वपूर्ण है जितने की आपके। हंगामा बढता देख अध्यक्ष ने दूसरी बार विधानसभा की कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।