सोलन, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कुम्हारहट्टी-नाहन मार्ग पर रविवार को एक बहुमंजिले भवन के धराशायी होने से बड़ा हादसा हो गया। इस भवन के अंदर सेना के करीब 35 जवान मौजूद थे, जिनमें से 17 को बचा लिया गया है। इस हादसे में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। सोलन के एडीएम विवेक चंदेल ने मृतकों की संख्या की पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें छह सैनिक भी शामिल है। इमारत के मलबे में अभी भी सेना के कई जवान फंसे हुए हैं। सेना के जवानों को मलबों में से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया और इस घटना की जांच के भी आदेश दे दिए हैं। सेहाज तंदूरी ढाबे में सेना के जवान खाना खाने आए थे, जहां एक बहुमंजिला इमारत के इस ढाबे पर गिरने से छह सैनिकों की मौत हो गई। इस बिल्डिंग के मलबे में से निकाले गए सात घायलों को सोलन के धर्मपुर अस्पताल में दाखिल कराया गया है। वहीं सोलन के परवाणू और सोलन जिला मुख्यालय से सात एंबुलेंस को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है। इस बिल्डिंग में ढाबा चल रहा था, जहां बीते रविवार को 34 जवान खाना खा रहे थे।
इस घटना में घायल हुए जवान सुरजीत ने बताया कि वह ढाबा में खाना खा रहे थे। उन्होंने बताया कि अचानक धरती हिलने लगी और फिर देखते ही देखते पूरी इमारत ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सुरजीत ने बताया कि सभी जवान डगशाई बटालियन के जवान हैं और कल वीकली ऑफ होने के चलते हम सभी ने लंच बाहर करने का प्लान बनाया था। बिल्डिंग के मालिक साहिल कुमार का परिवार भी यहीं रहता था। गनीमत रही कि हादसे के वक्त बच्चे बाहर खेल रहे थे लेकिन साहिल की पत्नी मलबे में दब गई थी जिसे गंभीर हालत में बाहर निकाला गया। सोलन के डीसी के सी चमन ने कहा कि इमारत गिरने की वजह क्या रही, यह जांच का विषय है। हम इसकी जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि यह बिल्डिंग दस साल पहले यानि 2009 में बनाई गई थी। कुछ समय पहले इस बिल्डिंग में एक मंजिल और बढ़ा दी गई थी। बिल्डिंग के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।