भोपाल, इस बार सावन मास की शुरुआत चंद्रग्रहण के साथ हो रही है। आगामी 16 व 17 जुलाई की मध्य रात्रि को खंडग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा और 17 जुलाई से ही सावन का महीना प्रारंभ हो जाएगा। सावन माह शिवजी का प्रिय माह माना गया है। इस साल ये माह 15 अगस्त तक रहेगा। इसी दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस माह में शिवजी का अभिषेक करने का विशेष महत्व है। धर्मशास्त्रों के अनुसार 9 घंटे पहले 16 जुलाई को दिन में 4.30 बजे से चंद्रग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा। ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1.30 बजे से मध्यकाल 2.58 बजे तक होगा। ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को धनु राशि के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है। उल्लेखनीय है कि यह इस साल (2019) का दूसरा चंद्र ग्रहण है। ऐसे में ग्रहों को लेकर कई दिलचस्प संयोग बन रहे हैं। 16 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा है और फिर अगले दिन यानी 17 जुलाई से श्रावन का पावन महिना शुरू हो रहा है। ऐसे में 149 सालों बाद ऐसा मौका बन रहा है जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय राहु और शनि चंद्रमा के साथ धनु राशि में होंगे। इससे ग्रहण का प्रभाव और बढ़ेगा। साथ ही सूर्य और चंद्र चार विपरीत के ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में रहेंगे।
इससे पहले 1870 में ऐसा हुआ था जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ा था। उस साल तब 12 और 13 जुलाई के बीच की रात को चंद्र ग्रहण पड़ा था। उस समय भी चंद्रमा शनि, राहु और केतु के साथ धनु राशि में था। साथ ही सूर्य और राहु एक साथ मिथुन राशि में प्रवेश कर गए थे। पिछले वर्ष 27 जुलाई को खग्रास चंद्र ग्रहण हुआ था। इस बार गुरु पूर्णिमा पर होने वाले खंडग्राम ग्रहण-ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो 149 वर्ष पूर्व 1870 में 12 जुलाई को बना था। जब गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हुआ था। उस समय भी शनि, केतु, चंद्रमा धनु राशि में थे। सूर्य, राहू के साथ मिथुन राशि में था। 12 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होंगे। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार 16 जुलाई की मध्य रात्रि 1.32 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा और ग्रहण रात 3.01 बजे तक रहेगा। ग्रहण का समय 2.58 घंटे का रहेगा। चंद्रग्रहण का नजारा करीब तीन घंटे तक दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई को दोपहर 3 बजे से लग जाएगा और 17 जुलाई को सुबह 4.30 बजे तक रहेगा। सूतक लगने से पूर्व ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। इससे पहले गुरु पूजन किया जा सकेगा।