भोपाल, प्रदेश की 15वी विधानसभा के तृतीय सत्र के 5वे दिन विधानसभा की कार्यवाही हंगामेदार रहा। लेकिन सदन की कार्यवाही निर्बाध जारी रही। वर्ष 2019-20 के आय व्ययक पर समान्य चर्चा जारी रही। इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री कमल नाथ भी मौजूद रहे। सबसे पहले बात रखते हुए विपक्षी दल भाजपा के सदस्य विश्वास सारंग ने बजट को बेहद कामजोर बताया। विश्वास ने कहा कि हमारी 15 साल की सरकार ने प्रदेश को नई बुंलदियों तक पहुँचाया। इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने बीच में टोकते हुए कहा कि प्रदेश को कर्ज में किसने डुबाया।
खराब सड़कों का मुद्दा भी गूंजा
इससे पहले सदन में ध्यान आकर्षण के दौरान ख़राब सड़कों का मुद्दा गुंजा। सदस्य डॉ अशोक मर्सकोले ने जबलपुर के बरेला से मंडला तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण अपूर्ण होने पर हो रही दिक्कतों की ओर ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि सड़क अपुर्ण है, सड़को पर गड्ढे हैं। इसके बाद भी टोल टैक्स वसूली हो रही है। इस पर जवाब देते हुए लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि हम मामले की जांच कराएंगे। इस पर मर्सकोले ने फिर सवाल उठाए। मामले पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि दोनों पक्ष अच्छे से पड़ताल कर लें। इस विषय पर 17 जुलाई को 30 मिनिट चर्चा की जाएगी।
अन्य सदस्य उमाकांत शर्मा ने स्कूलों में अनफिट बसों और दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि बसों पर नियमित नजरें रखी जा रही हैं। 220 बसों पर चालान भी किया गया है। मंत्री ने बताया कि बसों के लिए नियम निर्देश जारी किए गए हैं। जहां भी लापरवाही की जाएगी उन पर कारवाई होगी।
प्रश्नकाल में 7 सवालों पर चर्चा
ध्यान आकर्षक के पहले पहले प्रश्नकाल के दौरान सदन में 7 प्रश्नों को सुना गया और उन पर सवाल जवाब भी हुए।
अतिथि शिक्षक, विद्वानों के नियमितीकरण अभी नहीं
प्रश्नकाल के दौरान सदस्य जालम सिंह पटेल ने निजी स्कूलों औऱ कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतनवृद्धि का मामला उठाया। पटेल ने सवाल किया कि वचनपत्र में वेतन बढ़ाने की बात कही गई थी। उन्होंने अथिति विद्वानों , अथिति शिक्षको के नियमतिकरण पर सवाल किया। जवाब देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने बताया कि सभी प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है, लेकिन कब तक ये निर्णय लिये जाएंगे ये समय बता पाना संभव नहीं है।
*प्रदेश में एक भी कंसर्वेसन रिज़र्व नहीं
एक अन्य प्रश्न सदस्य लक्मन सिंह ने वन कंसर्वेसन निर्माण और कलियासोत, केरवा क्षेत्र में अतिक्रमण का सवाल उठाया। वन मंत्री उमंग सिंघार ने जवाब दिया कि प्रदेश में एक भी कंसर्वशन रिज़र्व नहीं गठित किया गया है। हालाँकि नर्मदा कंसर्वेसन रिज़र्व इकाई-1 और नर्मदा कंसर्वेसन रिज़र्व इकाई-2 एवं राघोगढ़ कंसर्वेसन रिज़र्व गठन की प्रक्रिया जारी है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 36(क) के तहत कंसर्वेसन रिज़र्व गठित करना अनिवार्य है।
6 महीने में बन जायेगा सामुदायिक भवन
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सागर जिले के गढ़ाकोटा में समुदायिक भवन निर्माण पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 3 भवनो का निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा। इस पर जवाब देते हुए सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि समय बतानां संभव नहीं है। भार्गव के पूरक प्रश्न के जवाब में अध्यक्ष एन पी प्रजापति के हस्तक्षेप के बाद मंत्री ने कहा कि 6 महीने में निर्माण पूरा करवा देंगे।
स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में हो रहा गाइड लाइन का पालन
विधानसभा में आज नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवदर्धन सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में गाइडलाइन को पूर्णत: पालन किया जाएगा। श्री सिंह विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल में सदस्य मुन्नालाल गोयल के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। श्री सिंह ने जानकारी दी कि स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट फेस-2 के अंतर्गत ग्वालियर का विकास होना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए साढे तीन सौ करोड रुपए आए हैं जिसमें से 37 करोड ही अभी खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य को जो भी विधानसभा क्षेत्र है, उसमें इनका कोई स्पेशिक काम हो तो मुझे बता दे, हम करवा देंगे। खेल परिसर के लिए भी राशि स्वीक्रत हो चुकी है, नदियों के विकास के लिए काम हो रहे हैं।
उन्होंने सदन को जानकारी दी कि स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में केन्द्र एवं राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी होती है। स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट केद्र सहायतित योजना है जिसके संबंध में जारी मिशन गाइडलाइन में निर्धारित प्रक्रिया केन्द्र/राज्य की भूमिका तथा मॉनिटरिंग आदि के प्रावधान है। उन्होंने बताया कि स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट गाडड लाइन के अनुसार ही शहर स्तरीय परामर्श समिति का गठन किया गया है। शहर स्तरीय परामर्श समिति में स्थानीय सांसद, विधायक, महापौर व अन्य जनप्रतिनिधि सम्मिलित है जो कि अपने शहर के सर्वांगीण विकास हेतु सुझाव/प्रस्ताव दे सकते हैं। इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया थाकि परामर्श समिति की बैठक में सांसदों विधायकों को पूछा नहीं जा रहा है।
शिक्षकों के स्थानांतरण की कोई नीति नहीं
स्कूल शिक्षा मंत्री डा प्रभुराम चौधरी ने आज विधानसभा में जानकारी दी कि पांच साल तक एक ही स्थान पर जमे रहने वाले शिक्षकों के स्थानांतरण की विभाग के पास ऐसी कोई विशिष्ट नीति नहीं है। प्रश्नोत्तरकाल के दौरान उन्होंने बताया कि शिक्षक कोई एक्जीक्यूटिव नहीं है, इनके ट्रांसफर के दौरान शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखा जाता है। पांच साल की डयूटी होने पर तबादलों का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि कई शिक्षक सालों से एक ही स्थान पर पदस्थ है और वे बहुत अच्छे से पढा रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि कमजोर रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों को इस साल टेस्ट भी लिया गया है। ऐसे शिक्षकों को विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे पहले मूल प्रश्नकर्ता सदस्य राहुल सिंह लोधी ने कहा कि एक ही स्थान पर लंबे समय तक शिक्षकों के टिके रहने से वे राजनीति में ज्यादा शामिल होने लगते हैं। इसलिए पांच साल से ज्यादा एक ही जगह पर पदस्थापित रहने वाले शिक्षकों के तबादलों के लिए ऐसी नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि हमने 10-15 ऐसे शिक्षकों के तबादलों के लिए लिखा है लेकिन आज तक को्ई कार्रवाई नहीं हुई है। क्या ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी। प्रश्न के उत्तर में श्री चौधरी ने कहा कि जांच उपरांत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।