नई दिल्ली,भारत में आईटी कंपनियों के लिए कानून में जरूरी बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है। अगर कानून प्रभावी हुआ तो सभी विदेशी सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में अपनी सेवा देने के लिए लाइसेंस लेना होगा। सोशल मीडिया कंपनियों ने अमेरिका की ट्रंप सरकार के माध्यम से भारत पर ऐसा नहीं करने का दबाव बनाया गया था। हालांकि, भारत ने अमेरिका से साफ कह दिया कि वह देशहित से जुड़े इस मामले में कोई समझौता नहीं करेगा।
हाल के दिनों में भारत-अमेरिका में जिन अहम मुद्दों पर टकराव हुआ था, उनमें सोशल मीडिया कंपनियों को देश के भीतर लाइसेंस लेने की शर्त को हटाने के अलावा चीनी कंपनी हुवावे पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी है। दरअसल सोशल मीडिया कंपनियों की ओर से पूरा सहयोग नहीं देने के बाद केंद्र सरकार ने नए कानून बनाने की पहल की थी जिसमें कहा कि इन सभी कंपनियों को भारत से जुड़े यूजर्स का डेटा भारत में ही रखना होगा।
सरकार का तर्क है कि ये कंपनियां देश में कानूनी प्रक्रिया से इसलिए बच जाती हैं क्योंकि इनका लाइसेंस देश में नहीं लिया गया है। लेकिन इसके लिए अब तक ये कंपनियां तैयार नहीं हो रही हैं। उनका तर्क है कि अगर भारत की मांग को मान लिया जाए, तो दूसरे देश भी ऐसी मांग करेंगे। सभी देशों में ऐसा करना संभव नहीं होगा। बता दें कि ज्यादातर सोशल मीडिया कंपनियां अमेरिका की हैं और उन्हें वहीं से लाइसेंस प्राप्त हुआ है। इनमें फेसबुक, ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।