न्यूयार्क,अमेरिका के शीर्ष-100 सीईओ की लिस्ट जारी हुई है जिसमें भारतीय मूल के गूगल के सुंदर पिचाई ने लंबी छलांग लगाई है। सूची के मुताबिक फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की लोकप्रियता अपने कर्मचारियों के बीच कम हो रही है। यह खुलासा ग्लासडोर एम्प्लॉई च्वाइस अवॉर्ड की एक रिपोर्ट में हुआ। 2013 से ग्लासडोर हर साल कर्मचारियों की पसंद के आधार पर अमेरिका के टॉप-100 सीईओ की लिस्ट जारी करती है। 2019 की लिस्ट में मार्क जुकरबर्ग 39स्थान फिसल गए हैं। उन्हें 94फीसदी अप्रूवल मिला है। पिछले साल 15वें स्थान पर रहे जुकरबर्ग इस बार 55वें स्थान पर आए हैं। एप्पल के सीईओ टिम कुक की स्थिति बेहतर हुई है। कुक पिछले साल 96वें स्थान पर थे। इस बार वे 69वें स्थान पर आए हैं। 27 स्थान की छलांग लगाने वाले कुक को 93फीसदी अप्रूवल मिला है। जुकरबर्ग और कुक ही दो ऐसे सीईओ हैं जो इस लिस्ट की शुरुआत से अब तक हर साल टॉप-100 में जगह बनाने में सफल हुए हैं। टॉप-100 में से 30 टेक कंपनियों के सीईओ हैं।
वीएम वेयर के सीईओ पैट गेलसिंगर को पहला स्थान मिला है। उन्हें 99फीसदी अप्रूवल मिला है। वे पिछले साल 78वें स्थान पर रहे थे। 2018 में जूम वीडियो के सीईओ एरिक युआन पहले स्थान पर थे। इस बार वे टॉप-100 से बाहर हो गए हैं। एचईबी के सीईओ चार्ल्स सी बट दूसरे नंबर पर हैं। अडोबी के शांतनू नारायण भारतीय सीईओ के रूप में पांचवें स्थान पर हैं। माइक्रोसॉफ्ट के भारतवंशी सीईओ सत्या नडेला छठे स्थान पर हैं। गूगल के भारतवंशी सीईओ सुंदर पिचाई 46वें स्थान पर मौजूद हैं। फेसबुक पिछले एक साल से कई मामलों में विवादों में रही है। कैंब्रिज एनालिटिका मामले से कंपनी की साख गिरी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर डिलीट फेसबुक कैंपेन भी चला था। यह मांग भी जोर पकड़ने लगी थी कि जुकरबर्ग को अपने अधिकारों में कमी करनी चाहिए और कंपनी को तीन या चार हिस्सों में बांट दिया जाना चाहिए। हालांकि, जुकरबर्ग इसे रोकने में सफल रहे थे। इन सब फैक्टर का असर भी रैंकिंग पर पड़ा है। 2013 में जब सूची पहली बार लॉन्च हुई थी तब जुकरबर्ग ने पहला स्थान हासिल किया था। 2018 तक वे हर बार टॉप-20 में शामिल हुए थे।