सूरत, शहर की 54 वर्षीय किरण लाकड़ावाला नामक महिला को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित किया था. किरण मरकर भी छह लोगों को जिंदगी की सौगात दे गई. सूरत के सामाजिक कार्यकर्ता कल्पेश लाकड़ावाला की 54 वर्षीय पत्नी किरण लाकड़ावाला करीब 15 दिनों से सिर में तेज दर्द से परेशान थी. 17 जून की सुबह किरण गिर गईं और बेहोश हो गई. परिजनों ने किरन को तुरंत एम्ब्युलैंस 108 के जरिए बीएपीएस अस्पताल में भर्ती करा दिया. जहां रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर ने किरण को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. किरण को ब्रेन डेड घोषित किए जाने की खबर लगते ही डोनेट लाइफ के संस्थापक निलेश मांडलेवाला ने उनके परिजनों से अंगदान की अपील की. इस अपील को स्वीकारते हुए परिजनों ने किरण के आवश्यक अंगों का दान करने का फैसला कर लिया. किरण के परिवार ने उनकी किडनी, फेफड़े, लिवर और आंखें दान कर दीं. किरण के फेफड़े और हृदय मुंबई के फोर्टिस अस्पताल को दिए गए. जहां 25 वर्षीय रूपाली औती के शरीर में लगाए गए. सूरत के बीएपीएस अस्पताल से मुंबई में मुलुंज स्थित फोर्सिस अस्पताल की दूरी 269 किलोमीटर है और यह दूरी केवल 85 मिनट में पूरी की गई. रूपाली के दिल में जन्म से छेद था, जिसकी वजह से उनके फेफड़ों में हमेशा बहुत दबाव रहता था. पिछले छह महीनों से रूपाली बिस्तर पर थी.