भोपाल,प्रदेश में प्रति यूनिट 12 फीसदी बिजली महंगी किए जाने का प्रस्ताव पश्चिम क्षेत्रीय बिजली वितरण कंपनी ने पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को भेजा है। बिजली नियामक आयोग अगस्त में सुनवाई करने इंदौर में आ सकता है। भाजपा सरकार में दो सौ रुपए महीने में भरपूर बिजली, फिर कांग्रेस सरकार में सौ यूनिट तक सौ रुपए बिल की योजना ने वितरण कंपनी की हालत खराब कर दी है। खुद सरकार पर भी 15 सौ करोड़ रुपए का बोझ हर महीने अनुदान के रूप में आ रहा है। इस भार को कम करने के लिए साल के मध्य में बिजली महंगी किए जाने की तैयारी की जा रही है। पहले विधानसभा, फिर लोकसभा चुनाव के चलते बिजली दरों में वृद्धि नहीं की गई थी। अब चूंकि दोनों चुनाव हो चुके हैं। पश्चिम क्षेत्रीय कंपनी के अलावा मध्य और पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी भी बगैर बिजली महंगी किए सप्लाई देने में कठिनाई महसूस कर रही हैं।
तीनों वितरण कंपनी ने अपने-अपने प्रस्ताव बनाकर पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को भेज दिए। मैनेजमेंट कंपनी तीनों की तरफ से नियामक आयोग में महंगी बिजली के लिए याचिका दायर कर रही है। याचिका दायर होने के बाद आयोग आम लोगों से दावे-आपत्ति सुझाव आमंत्रित करेगा। इसके बाद व्यक्तिगत सुनवाई करने टीम इंदौर आएगी। यहां बता दें कि बिजली की अभी न्यूनतम तापमान 6 रुपए प्रति यूनिट है। ऐसे में आयोग 12 फीसदी वृद्धि पर मुहर लगाता है तो 72 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा हो जाएगा। मतलब 6 रुपए 72 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। हालांकि जितनी वृद्धि मांगी जाती है, आयोग कभी उतनी महंगी करता नहीं है। बहरहाल बिजली महंगी होने से बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का करंट लगना तय माना जा रहा है।