नई दिल्ली, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर विचार करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समिति गठित करेंगे जो निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी। इससे पहले देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा का चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर पीएम मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक की। कांग्रेस के अलावा ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव भी बैठक में नहीं गए। 3 मुख्यमंत्रियों समेत 8 बड़े नेता बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर ज्यादातर दलों ने समर्थन किया, हालांकि कुछ मुद्दों पर वैचारिक मतभेद भी थे। राजनाथ सिंह ने बताया कि हमने देशभर की 40 पार्टियों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया था, जिसमें से 21 पार्टियों के प्रमुख आज पहुंचे थे और 3 ने पत्र लिखा था।
रक्षामंत्री ने बताया ‘ सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को 5 एजेंडा आइटम के लिए बुलाया गया था। हम संसद में प्रोडक्टिविटी बढ़ाना चाहते थे, जिस पर सभी दल सहमत थे।’ उन्होंने कहा ‘एक देश एक चुनाव पर भी ज्यादातर सदस्यों ने समर्थन दिया, सीपीआई औऱ सीपीएम ने सीधा विरोध नहीं किया, हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि यह कैसे लागू होगा? इस संबंध में एक कमेटी गठित होगी, जिसका गठन मोदी करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने 40 दलों को आमंत्रण भेजा था, जिसमें से 21-दलों के अध्यक्ष आएं और 3 दलों ने अपना ओपिनियन हमें राइटिंग भेजा था।’
बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राकांपा प्रमुख शरद पवार, अकाली दल के सुखबीर बादल, बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी और वाम नेता सीताराम येचुरी ने हिस्सा लिया। हालांकि सीताराम येचुरी ने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का विरोध किया।