नई दिल्ली,अध्ययनकर्ताओं की मानें तो फ्रूट जूस के सेवन से समय से पहले मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हाल ही में हुई एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि वैसे लोग जो बहुत ज्यादा शुगरी ड्रिंक्स और फ्रूट जूस का सेवन करते हैं उनमें किसी भी वजह से समय से पहले मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अमेरिका के अनुसंधानकर्ताओं ने पहली बार 100 पर्सेंट फ्रूट जूस की तुलना कोला और लेमेनेड जैसे मीठे पेय पदार्थों से की। अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि शुगरी ड्रिंक्स और फ्रूट जूस दोनों में काफी समानताएं हैं और इन दोनों के सेवन से समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में और रिसर्च करने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह स्टडी बेहद अहम है, बावजूद इसके हर दिन 150एमएल गिलास वाले फ्रूट जूस का सेवन करने से किसी तरह का खतरा नहीं है। हालांकि बहुत ज्यादा फ्रूट जूस का सेवन करने से समय से पहले मौत का खतरा 24 प्रतिशत बढ़ जाता है। वहीं, सोडा वाले शुगरी ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन करने से समय से पहले मौत का खतरा 11 प्रतिशत बढ़ जाता है। इसका मतलब है कि बहुत ज्यादा फ्रूट जूस का सेवन, सोडा वाले ड्रिंक्स से भी ज्यादा हानिकारक है। नई रिसर्च में 13 हजार 440 लोगों के डेटा की जांच की गई। सवाल-जवाब वाले एक क्वेश्चनेयर के जरिए इन लोगों के सोडा और शुगरी ड्रिंक्स के इनटेक के साथ-साथ 100 पर्सेंट फ्रूट जूस के सेवन के आंकड़ों को भी रेकॉर्ड किया गया और यह जानने की कोशिश की गई आखिर वे कब और कितना इन ड्रिंक्स का सेवन करते हैं। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो इस रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि बहुत ज्यादा चीनी वाले पेय पदार्थ जिसमें सोडा, लेमेनेड और फ्रूट जूस जैसे ड्रिंक्स शामिल हैं का संबंध बढ़े हुए मृत्यु दर से है। यहां तक की 100 पर्सेंट फ्रूट जूस और शुगर स्वीटेंड बेवरेज (एसएसबी) का न्यूट्रिएंट कंटेंट भी एक जैसा होता है। 6 साल के फॉलोअप के दौरान पता चला कि एक औसत के मुताबिक करीब 1 हजार लोगों की मौत किसी भी वजह से हो गई जबकि 168 लोगों को मौत कोरोनरी हार्ट डिजीज यानी हृदय संबंधी बीमारियों की वजह से हुई।