वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में वाराणसी में आज कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर रहा है लेकिन वर्ष 2014, 2017 और 2019 की भाजपा की चुनावी जीत कोई मामूली चीज नहीं है। तीन चुनाव के बाद भी अगर राजनीतिक पंडितों के दिमाग नहीं खुलते हैं तो समझना चाहिये कि उनके विचार और तर्क 21वीं सदी के लिये नहीं रह गये हैं। उन्होंने कहा कि इस हैट्रिक के बाद राजनीतिक पंडितों को मानना होगा कि अंकगणित के आगे भी एक ‘केमेस्ट्री’ होती है। देश में आदर्शों और संकल्पों की जो केमेस्ट्री है, वह सारी अंकगणित को पराजित कर देती है। इस बार चुनाव में यही हुआ है।
प्रधानमंत्री ने भाजपा को राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार पार्टी बताते हुए कहा कि चाहे केरल हो, कश्मीर हो, बंगाल या फिर त्रिपुरा हो, वहां हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शहादत मोल ली है। उन्हें सिर्फ राजनीतिक विचारधारा के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। बंगाल में आज भी हत्याओं का दौर नहीं रुक रहा। केरल में भी हमें मौत के घाट उतार दिया जाता है। शायद ही कोई और दल इतनी व्यापक हिंसा का शिकार हुआ होगा। हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गयी है। यह हमारे सामने बहुत बड़ा संकट है।
उन्होंने राजनीतिक पंडितों पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि कुछ लोगों की घिसी-पिटी सोच है। वे उसी में घिर कर एक नजरिया बनाते हैं। हम जैसे हैं, उसे दुनिया में देख ना ले, इसलिये पिछले 50-70 साल में स्थापित हो चुकी 90 प्रतिशत से अधिक ताकतें दो काम करती हैं। पहला, किसी भी हालत में हमारे लिये सही नजरिया ना बने। दूसरा, कुतर्क करके नजरिये को बिगाड़ा जाए। मगर उन पंडितों को दोबारा सोचना होगा कि पारदर्शिता और परिश्रम उन्हें परास्त करने की ताकत रखते हैं। हमें स्थापित नकारात्मकता के बीच सकारात्मकता को लेकर जाना है, क्योंकि देश उसी से आगे बढ़ने वाला है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश में राजनीतिक छुआछूत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। भाजपा का नाम लेते हीे यह कहा जाता है कि इन्हें छुओ नहीं, ये खतरनाक हैं। दरअसल, हम विभाजन के पैरोकार नहीं है। हम एकता के मार्ग पर चलते हैं। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैंने उसके प्रमोशन के लिये फिल्म जगत की मदद ली, तो शोर मच गया कि अरे आप और गुजरात! दरअसल कमियां हममे में भी होंगी, लेकिन इरादे हमारे नेक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की राजनीति में ईमानदारी से लोकतंत्र को रग-रग में लेकर जीने वाला अगर कोई दल है तो वह भाजपा ही है। उन्होंने कहा कि जब दूसरे लोग सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का नाम नहीं होता, मगर हम जब सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का अस्तित्व शुरू होता है। त्रिपुरा को देख लीजिये, वहां 30 साल तक कम्युनिस्टों की सरकार थी, क्या वहां कोई विपक्ष था? आज हम त्रिपुरा में सत्ता में हैं, आज वहां जानदार और शानदार विपक्ष है, उसकी आवाज सुनी जाती है। संविधान हमें जिम्मेदारी देता है कि विपक्ष की आवाज को महत्व दें। उन्होंने कहा कि हमारे देश के लोकतंत्र को वोट बैंक की राजनीति ने कुचल दिया है। वोट बैंक की राजनीतिक के दबाव में कोई सही बात रखने की हिम्मत नहीं करता था। मगर भाजपा ने इस चलन को बदला है। उन्होंने कहा कि हम 26 जनवरी को विजय पथ पर भगवान राम के विभिन्न रूपों का प्रकटीकरण करते हैं, लेकिन हम यह भी कर रहे हैं कि बच्चा आधुनिक विज्ञान को देखे। हम 21वीं सदी के विजन को भी आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार और संगठन के बीच तालेमल का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने इसे सही मायनों में साकार किया है। सरकार नीति बनाकर उस पर चलती है जबकि संगठन रणनीति बनाता है। कार्य के साथ कार्यकर्ता मिलकर चमत्कार करते हैं। हम आज यही कर रहे हैं। सरकार ने काम किया, लेकिन ये कार्यकर्ता ही है, जिन्होंने जनता में विश्वास पैदा किया कि अभी तो यह शुरुआत है। उन्होंने कहा कि काशी ने मुझे जो स्नेह दिया है, जो शक्ति मुझे दी, वह अपने आप में शायद ही ऐसा सौभाग्य किसी को मिलता हो। देश ने मुझे भले ही प्रधानमंत्री बनाया हो, लेकिन मैं आपके लिये कार्यकर्ता हूं। मेरे लिये आपका आदेश सर आंखों पर रहा है।