नई दिल्ली,17वीं लोकसभा की 542 सीटों पर हुए चुनाव परिणाम गुरुवार को आ गएं। भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है, जबकि एनडीए को 350 के करीब सीटें मिल रही हैं। वहीं कांग्रेस 50-60 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, यूपीए गठबंधन को करीब 90 सीटें ही मिल रही हैं। 22 दलों वाले महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से 3 सीटों पर काबिज कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की इस चुनाव में सबसे बड़ी हार ज्योतिरादित्य सिंधिया की हुई है। मध्यप्रदेश की गुना-शिवपुरी सीट से कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य अपनी ही पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता से हार गए हैं। मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा से निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को भी उत्साहजनक सीटें नहीं मिली, जबकि, भाजपा को सीटों का नुकसान हो रहा हैं। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में जमकर पैठ बनाई है। 2014 के चुनाव में 2 सांसदों वाली भाजपा यहां 18 सीटों पर आगे चल रही है। ओडिशा और कर्नाटक में भी भाजपा को सीटों बढ़ाई हैं। वहीं, छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। देश के चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित किए जा रहे हैं। रुझानों से साफ है कि मोदी के नेतृत्व को फिर एक बार स्पष्ट जनादेश मिलने जा रहा है।
गौरतलब है कि सरकार बनाने के लिए 272 सीटों की आवश्यकता होती है। चुनाव में जीत देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात में कार्यकर्ताओं को उत्साह भरा संबोधन दिया। मोदी ने कहा कि दुनिया के लोकतंत्र के इतिहास की यह सबसे बड़ी घटना है। दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव है। सारी दुनिया को भारत की लोकतांत्रिक शक्ति को पहचानना होगा। मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि कुरुक्षेत्र के मैदान में किसने कहा था कि मैं हस्तिनापुर के पक्ष में था, मैं किसी के साथ पक्षपात नहीं कर रहा था। मोदी ने कहा कि मैं भी भारत के लिए काम कर रहा हूं। मेरा किसी से कोई विरोध या पक्षपात नहीं है। मोदी ने कहा कि यह चुनाव देश की जनता खुद लड़ रही थी। आजादी के बाद जितने भी चुनाव हुए हैं, इस चुनाव ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उसके लिए उन्होंने सभी मतदाताओं, भाजपा सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास जताने के लिए आभार प्रकट किया है। भाजपा मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी संबोधित किया। उन्होंने पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया के शीर्ष पर ले जाने का संकल्प लिया। मोदी ने कहा यह मेरी जीत नहीं है, यह भाजपा की जीत नहीं है, यह जनता की जीत है, यह भारत की जीत है।
मोदी ने की इंदिरा की बराबरी
जवाहरलाल नेहरू ने लगातार तीन बार और इंदिरा गांधी ने लगातार दो बार कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलाकर सरकार बनाई थी। नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 का चुनाव जीत था। वहीं, इंदिरा गांधी ने 1967 और 1971 का चुनाव पूर्ण बहुमत के साथ जीता था। मोदी ने अब इंदिरा की बराबरी कर ली है। 2014 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। इस बार भी वह 280 से ज्यादा सीटें जीत रही है।
उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान में क्लीन स्वीप
मोदी का राष्ट्रवाद का असर हिंदी भाषी राज्यों पर जमकर असर कर गया। उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान में भाजपा का प्रदर्शन हैरान करने वाला रहा है। इन तीनों ही राज्यों में भाजपा ने किसी अन्य पार्टी को खाता भी नहीं खोलने दिया। उत्तराखंड में 5, राजस्थान में 25 और गुजरात में 27 सीटें हैं।
कमल नकुल जीते, गुना में ज्योतिरादित्य जमींदोज
मध्यप्रदेश के इतिहास में गुरुवार का दिन अंकित हो गया। कांग्रेस की दो अभेद्य किला माने जाने वाली सीट छिंदवाड़ा एवं गुना-शिवपुरी में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। छिंदवाड़ा से सांसद प्रत्याशी नकुल नाथ ने विजय हासिल की। जबकि विधानसभा उपचुनाव के तहत छिंदवाड़ा सीट पर हुए मतदान में कमल नाथ ने विधायक के रूप में जीत दर्ज की। वहीं, गुना-शिवपुरी सीट के इतिहास में कांग्रेस के लिए एक काला धब्बा साबित हुआ। कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से चुनाव हार गए। कांग्रेस के लिए यह परिणाम चिंताजनक है। क्योंकि अब प्रदेश से कांग्रेस की एक सीट और कम हो गई है। सिंधिया को भाजपा के डॉ. केपी यादव ने एक लाख से अधिक वोट से शिकस्त दी है। यादव इस चुनाव से पहले कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता माने जाते थे। चुनाव से पहले ही उन्होंने पाला बदला और भाजपा ने उन्हें टिकट भी दे दिया। गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से अब तक हुए उपचुनाव सहित 20 चुनाव में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली। विजयराजे सिंधिया छह बार, पिता माधवराव सिंधिया चार बार और स्वयं योतिरादित्य चार बार यहां जीत चुके थे। गुना लोकसभा सीट पर पहला लोकसभा चुनाव 1957 में हुआ था। ज्योतिरादित्य ने 2002 में यहां से पहली बार उपचुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद 2009 और 2014 में उन्होंने लगातार जीत हासिल की।
राहुल की सबसे बड़ी जीत और सबसे बड़ी हार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई वर्षों से कांग्रेस की परंपरागत सीट रही अमेठी से हार गए। भाजपा की स्मृति ईरानी ने उन्हे हरा दिया। राहुल यहां से लगातार तीसरी बार सांसद थे। हालांकि राहुल ने दूसरी सीट केरल की वायनाड पर रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। यहां वे 8 लाख से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं। इस मामले में उन्होंने माक्र्सवादी पार्टी के अनिल बसु (2004) के 5,92,502 और भाजपा के नरेंद्र मोदी (2014) के 5,70,128 मतों की जीत के अंतर को पीछे छोड़ दिया है।
कम्युनिस्टों का भारत से सफाया
कई दशकों से भारत को राजनीति और मजदूर आंदोलन का गहरी पकड़ रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टी का 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया हो गया। पश्चिम बंगाल में कई दशकों तक राज करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी 0 पर पहुंच गई है। कम्युनिस्ट पार्टी का बड़ा केडर भाजपा के पाले में चला गया। वहीं केरल में 1 सीट लेकर कम्युनिस्ट पार्टी वेंटीलेटर पर आ गई है। बिहार की बेगूसराय सीट से भी चर्चित उम्मीदवार कन्हैया कुमार चुनाव हार गए है। भारतीय राजनीति एवं श्रमिक आंदोलन में 7 दशक से कम्युनिस्टों का जो प्रभाव था वह खत्म हो गया है।
सेंसेक्स ने किया स्वागत
मतगणना की शुरुआत के साथ ही भाजपा की बढ़त के रुझानों के बाद बाजार ने भी स्वागत किया। सेंसेक्स पहली बार 40,000 के पार पहुंच गया। वहीं, निफ्टी ने 12,000 का आंकड़ा पार किया। हालांकि, दिन की समाप्ति पर मुनाफावसूली के कारण सेंसेक्स 300 अंक टूटकर बंद हुआ।
इस मायने में अलग
542 सीटों पर हुआ मतदान
2014 चुनाव में किसे कितनी सीटें मिलीं
पार्टी सीटें
भाजपा 282
कांग्रेस 44
एआईएडीएमके 37
बीजेडी 20
शिवसेना 18
टीएमसी 34
टीडीपी 16
टीआरएस 11
(बाकि सीटें अन्य छोटे दलों को मिलीं)
गठबंधन की स्थिति
एनडीए (भाजपा नीत) 336
यूपीए (कांग्रेस नीत) 60
वोट प्रतिशत
पार्टी वोट प्रतिशत
भाजपा 31
कांग्रेस 19.3
वर्तमान में 16वीं लोकसभा में दलवार सीटों का शेयर
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
भाजपा 268 51.64
कांग्रेस 45 8.67
अन्य 132 ..
(132 सीटों में शामिल अधिकांश दलों ने भाजपा नीत एनडीए और कांग्रेस नीत यूपीए को समर्थन दिया है)
2014 के चुनाव में वोट प्रतिशत शेयर
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
मध्य प्रदेश में अभी क्या स्थिति(29 सीटें)
दल सीटें
भाजपा 26
कांग्रेस 3
2014 में हाल-ए-मध्यप्रदेश
भाजपा 27
कांग्रेस 02
मोदी एक्सप्रेस
मोदी की सुनामी में बही कांग्रेस
2014 की लहर अब सुनामी में बदली
मीडिया मैनेजमेंट फेल
सोशल मीडिया में नहीं दिखाई सक्रियता
जमीन से नहीं जुड़ पाए कांग्रेसी नेता
Party | Won | Leading | Total |
---|---|---|---|
Aam Aadmi Party | 1 | 0 | 1 |
AJSU Party | 1 | 0 | 1 |
All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam | 0 | 1 | 1 |
All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen | 2 | 0 | 2 |
All India Trinamool Congress | 19 | 3 | 22 |
All India United Democratic Front | 1 | 0 | 1 |
Bahujan Samaj Party | 9 | 1 | 10 |
Bharatiya Janata Party | 287 | 16 | 303 |
Biju Janata Dal | 1 | 11 | 12 |
Communist Party of India | 1 | 1 | 2 |
Communist Party of India (Marxist) | 2 | 1 | 3 |
Dravida Munnetra Kazhagam | 22 | 1 | 23 |
Indian National Congress | 50 | 2 | 52 |
Indian Union Muslim League | 3 | 0 | 3 |
Jammu & Kashmir National Conference | 2 | 1 | 3 |
Janata Dal (Secular) | 1 | 0 | 1 |
Janata Dal (United) | 16 | 0 | 16 |
Jharkhand Mukti Morcha | 1 | 0 | 1 |
Kerala Congress (M) | 1 | 0 | 1 |
Lok Jan Shakti Party | 6 | 0 | 6 |
Mizo National Front | 1 | 0 | 1 |
Naga Peoples Front | 1 | 0 | 1 |
National People’s Party | 1 | 0 | 1 |
Nationalist Congress Party | 5 | 0 | 5 |
Nationalist Democratic Progressive Party | 1 | 0 | 1 |
Revolutionary Socialist Party | 1 | 0 | 1 |
Samajwadi Party | 5 | 0 | 5 |
Shiromani Akali Dal | 2 | 0 | 2 |
Shivsena | 17 | 1 | 18 |
Sikkim Krantikari Morcha | 1 | 0 | 1 |
Telangana Rashtra Samithi | 9 | 0 | 9 |
Telugu Desam | 2 | 1 | 3 |
Yuvajana Sramika Rythu Congress Party | 20 | 2 | 22 |
Other | 7 | 1 | 8 |
Total | 499 | 43 | 542 |