मानसून इस बार फिर लेट, चार दिन की देरी संभव, कम बारिश का पूर्वानुमान

नई दिल्ली, पिछले दो सीजन में कम बारिश का दंश झेल रहे देश के लिए बुरी खबर है। इस बार भी मानसून के आने में देरी होती दिख रही है। निजी क्षेत्र की मौसम एजेंसी स्काई मेट ने अनुमान जारी किया है कि मानसून को पहुंचने में 4 दिन की देरी होगी। गौरतलब है कि केरल में हर साल 1 जून को मानसून दस्तक देता है। वहीं इस बार सामान्य से कम होने का अनुमान भी
जताया गया है। देश के पूर्व, उत्तर पूर्व और मध्य भारत में इस बार बहुत कम बारिश होने की संभावना है। वहीं उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत के इलाकों में सामान्य बारिश होगी। वहीं दस्तक देने के बाद भी मानसून की चाल धीमी रहेगी।
इसके साथ ही अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर मानसून 22 मई को पहुंचेगा। पिछले महीने स्काईमेट ने संभावना जताई थी कि इस बार मानसून सामान्य से कम रहेगा और देश भर में केवल 93 फीसदी बारिश होगी। मध्य व दक्षिण भारत के हिस्से में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी। मध्यप्रदेश, विदर्भ व दक्षिणी राज्यों के कुछ हिस्सों में तापमान अभी से 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, जो यहां के सामान्य तापमान से 4 से 5 डिग्री तक ज्यादा है।
मध्य प्रदेश आने में भी देरी
मध्य प्रदेश की बात की जाये तो पिछले कुछ सालों से मानसून तय समय पर मध्य प्रदेश नहीं पहुंचा है। प्रदेश में ये 11 जून तक दस्तक दे जाता है। राजधानी में 13 से 15 जून तक मानसून की पहली बारिश हो जाती है। मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली एजेंसी स्काईमेट इस बार मानसून के तीन दिन की देरी से चार जून को केरल पहुंचने का पूर्वानुमान है जारी किया है। इसके अनुसार मध्य प्रदेश में भी मानसून देरी से ही आएगा।
देश के लिए खतरे की खबर
15प्रतिशत आशंका सूखा पडऩे की (यानी 90प्रतिशत से कम बारिश)
55 प्रतिशत आशंका सामान्य से कम बारिश होने की (यानी 90 से 95प्रतिशत)
इस बार इन चार महीनों में अधिक बारिश (यानी 105-110प्रतिशत) और अत्यधिक बारिश (यानी 110प्रतिशत) होने की संभावना शून्य है।
30 प्रतिशत संभावना है सामान्य
बारिश होने की इस बार (यानी 96 से 104प्रतिशत के बीच)

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