दिग्विजय ने कंप्यूटर बाबा संग की पूजा, अब साध्वी प्रज्ञा के हिंदूत्व का सामना हठयोग से होगा

भोपाल, कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बीच मुकाबला चरम पर पहुंच गया है। अपने विजयश्री सुनिश्चित करने दिग्विजय सिंह ने कंप्यूटर बाबा के साथ पूजा की है। दिग्विजय सिंह उस जगह पर पूजा करने बैठे जहां पर कम्यूटर बाबा हजारों साधुओं के साथ दिग्विजय सिंह के लिए हठयोग करेंगे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कंप्यूटर बाबा को शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री का दर्जा मिला हुआ था लेकिन बाद में मनमुटाव के चलते सरकार से बाहर आ गए थे। ऐसा लग रहा है कि प्रज्ञा ठाकुर के उग्र हिंदुत्व का सामना करने के लिए दिग्विजय सिंह को हठयोग का सहारा लेना पड़ रहा है। हालांकि प्रज्ञा ठाकुर कुछ बयानों ने बीजेपी को काफी असहज स्थिति में ला दिया है और पार्टी के नेताओं ने प्रज्ञा ठाकुर को समझाया है क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है। वहीं प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव आयोग की ओर से 72 घंटे के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है वहीं बैन के बाद भी चुनाव प्रचार करने की शिकायत पर एक और नोटिस भी जारी हो गया है। भोपाल संसदीय क्षेत्र के इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि वर्ष 1984 के बाद से यहां भाजपा का कब्जा है। अब तक हुए 16 चुनाव में कांग्रेस को छह बार जीत हासिल हुई है। भोपाल में 12 मई को मतदान होने वाला है। भोपाल संसदीय क्षेत्र में साढ़े 19 लाख मतदाता है, जिसमें चार लाख मुस्लिम, साढ़े तीन लाख ब्राह्मण, साढ़े चार लाख पिछड़ा वर्ग, दो लाख कायस्थ, सवा लाख क्षत्रिय वर्ग से हैं। मतदाताओं के इसी गणित को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा था, मगर भाजपा ने प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर ध्रुवीकरण का दांव खेला है। भोपाल संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटें आती हैं। लगभग चार माह पहले हुए विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने आठ में से पांच और कांग्रेस ने तीन सीटें जीती। लिहाजा सरकार में बदलाव के बाद भी भोपाल संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा सफलता मिली थी।
सिंह भोपाल के विकास का रोड मैप और अपने कार्यकाल में किए गए कामों का ब्योरा दे रहे हैं उम्मीदवारी घोषित होने के बाद प्रज्ञा के मिजाज तल्ख होने लगे हैं और मतदाताओं को भावनात्मक तौर पर लुभाने में जुट गई है। उन्होंने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप तो लगाया ही साथ में हिंदुत्व आतंकवाद और भगवा आतंकवाद का जिक्र छेड़ा और मालेगांव बम विस्फोट का आरोपी बनाए जाने के बाद पुलिस की प्रताड़ना का ब्योरा देना शुरू कर दिया। वे लोगों के बीच भावुक भी हो रही हैं। एक तरफ प्रज्ञा ने अपने अभियान को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है तो दूसरी ओर कांग्रेस नेता भी अपने तरह से जवाब देने लगे हैं। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने दिग्विजय सिंह को राजनीतिक संत बताते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह ने हिदुत्व को जीया है, मानवता की सेवा की है, नर्मदा नदी की परिक्रमा की है। वे वास्तव में राजनीति के संत हैं।” जानकारों की मानें तो भोपाल के चुनाव में ध्रुवीकरण की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। दिग्विजय सिंह भी प्रज्ञा की उपस्थिति से सियासी माहौल में आने वाले बदलाव को पहले ही भांप गए थे, यही कारण है कि उन्होंने प्रज्ञा का स्वागत करते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया था। सिंह स्वयं जहां खुलकर प्रज्ञा पर हमला करने से बच रहे हैं, वहीं कार्यकर्ताओं को भी इसी तरह की हिदायतें दे रहे हैं। सिंह को यह अहसास है कि मालेगांव बम धमाके और प्रज्ञा पर सीधे तौर पर कोई हमला होता है तो चुनावी दिशा बदल सकती है।

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