बिलासपुर,नगर के 75 वर्षीय बुजुर्ग मवेशी चराने के लिए गया था,जहाँ मधुमक्खियों के काटने से उसकी मौत हो गई । इस संबंध में मृतक के पुत्र गोलू यादव बताया कि उसके पिता भरत यादव 15 अप्रैल को भैंस चराने के लिए रतनपुर खुटाघाट के पास नदिया खाड़ गया हुआ था । जहाँ शाम को एक चिल ऊपर से उड़ता हुआ आया और उसने पेड़ पर छत्ता बनाकर रह रहे मधुमक्खियों पर हमला कर दिया। जिसके चलते मधुमक्खियों ने उड़ते हुए उसके पिता को अपनी चपेट में लेकर काट लिया। कुछ लडक़े वही पर खेल रहे थे। जिन्होंने यह घटना देखते हुए तुरंत ही उसे ले जाकर एक घर में छुपाया । तब उनकी जान बच पाई । गंभीर अवस्था में देखते हुए फिर बच्चों ने इसकी सूचना उसके पुत्र गोलू यादव को दिया । तब वे 108 को फोन कर इसकी सूचना दिया । लेकिन 108 नहीं पहुंचा । तब उन्होंने प्राइवेट गाड़ी कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया । जहां पर डॉक्टरों ने उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए बिलासपुर सिम्स रिफर कर दिया । दो दिनों तक बिलासपुर सिम्स में इलाज देखकर डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दीया । तब वे एसकेबी प्राइवेट अस्पताल लेकर गए । जहां पर डाक्टरों ने भी प्रथम उपचार उपरांत जवाब दे दिया । इसके बाद 29 अप्रैल को रतनपुर अपने पिता को लेकर वे आ गये। जहाँ उनका मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात निधन हो गया । वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दिया । लेकिन वन विभाग की टीम घटनास्थल पर नहीं पहुंची । फिलहाल आज उन्होंने इस मामले की फिर से सूचना रतनपुर पुलिस के साथ वन विभाग की टीम को दिया है । उनका कहना है कि यदि मृतक के घर वन विभाग कर्मी पहुंच गए होते तो आज उनके पिता की शायद एक अच्छे अस्पताल में इलाज होने पर बच सकते थे । लेकिन पैसों के अभाव में बिलासपुर के अच्छे डॉक्टरों को नहीं दिखा पाए । जिसके चलते उनकी मौत हो गई है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक परिजन मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं । वहीं मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है ।
मधुमक्खियों के काटने से 75 साल के बुजुर्ग की जान गई
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