नई दिल्ली,भारत ने आखिरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनसी) में पाकिस्तान में छिपे आतंकी जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में सफलता हासिल कर ही ली। चीन ने पाकिस्तान के बचाव में 2016 से अब तक चार बार इसका विरोध किया था। यूएनसी की बुधवार को हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया।
यूएन में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि सभी देशों ने मिलकर यह फैसला लिया है। चीन ने मंगलवार को ही कह दिया था कि वह इस बार मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में रोड़ा नहीं बनेगा। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही उठाई थी। बता दें कि चीनी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हालिया दौरे में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। इसी दौरान उन्हें मसूद पर अपने रूख की जानकारी दे दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि भारत ने मसूद को फरवरी, 1994 में गिरफ्तार किया था। 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद तत्कालीन अटल सरकार ने उसे यात्रियों के बदले छोड़ा था।
स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी
चीन यूएनसी का स्थायी सदस्य है। किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने करने के लिए यूएनसी के स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। चीन ने इसका फायदा उठाते हुए 4 बार तकनीकी कारणों का हवाला देकर वीटो इस्तेमाल किया था। यूएनसी में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थायी सदस्य हैं। इनके अलावा 10 अस्थाई सदस्य हैं।
सारी संपत्तियां होगी जब्त
– दुनियाभर में उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं।
– उसके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
– उसे हथियार मुहैया कराने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
मसूद ने कराए है कई हमले
– 14 फरवरी को पुलवामा हमला
– 2001 में संसद पर हमले का दोषी
– जनवरी, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला
– सितंबर, 2016 में उड़ी में सेना के हेडक्वॉर्टर पर हमला