नारायण सांई जहांगीरपुरा दुष्कर्म केस में दोषी करार दिए गए, अब 30 को सुनाई जाएगी सजा

सूरत, सूरत के सत्र न्यायालय ने जहांगीरपुरा आश्रम में साधिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी नारायण सांई को दोषी करार दिया है. इस मामले में नारायण सांई को 30 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी. वर्ष 2013 में नारायण सांई के खिलाफ सूरत की दो बहनों ने दुष्कर्म की जहांगीरपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. दोनों बहनें आसाराम आश्रम की साधिका थीं और नारायण सांई पर आरोप लगाया था कि उसने वर्ष 2002 से 2004 के दौरान शारीरिक छेड़छाड़ और दुष्कर्म किया. जहांगीरपुरा पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद नारायण सांई फरार हो गया था. पुलिस से बचकर नारायण सांई लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था. तत्कालीन सूरत पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने नारायण साईं को गिरफ्तार करने के लिए 58 अलग-अलग टीमें बनाई और उसकी तलाश शुरू कर दी थी.जिसमें सूरत पुलिस को सफलता मिली और नारायण सांई को हरियाणा-दिल्ली सीमा से गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद नारायण सांई के खिलाफ 13 करोड़ की रिश्वत देने और गवाहों पर हमले के मामले दर्ज हुए. रिश्वत के मामले में नारायण सांई को जमानत मिली है, लेकिन बलात्कार का मामला अदालत में चल रहा था.
11 साल पुराने केस की पिछले छह साल से मामले की सुनवाई चल रही थी. कोर्ट कार्यवाही के दौरान आज नारायण सांई के साथ गंगा, जमुना और हनुमान समेत अन्य आरोपी भी मौजूद थे| सूरत की सेशन्स कोर्ट ने आज नारायण सांई समेत उसकी साधिका गंगा, जमुना और हनुमान को दोषी करार दिया है. अदालत का फैसला सुनकर नारायण सांई स्तब्ध हो गया और उसके अनुयायियों में भी निराशा फैल गई. कोर्ट ने इस मामले में अजय दीवान, नेहा दीवान और मोनिका अग्रवाल को बरी कर दिया.

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