नई दिल्ली, लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को रिझाने के लिए करोड़ों रुपयों, शराब और ड्रग्स के उपयोग का अवैध तरीका तमाम प्रतिबंधों के बाद भी बदस्तूर जारी है। इस चुनाव में अवैध नगदी, शराब और ड्रग्स की बरामदगी का रिकॉर्ड जैसे टूट गया है। तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर चुनाव इसलिए रद्द हो गए कि वहां बड़े पैमाने पर कैश बरामद हुआ। ऐसी बरामदगियों का सिलसिला लगातार जारी है। चुनाव आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान 3152.54 करोड़ का सामान ज़ब्त किया जा चुका है। 2014 में कुल जब्ती 1200 करोड़ रुपये की थी। यानी इस बार ज़ब्ती 1950 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। करीब 742.28 करोड़ रुपये की नगदी ज़ब्त की है। 2014 के पूरे चुनाव के दौरान सिर्फ 304 करोड़ नगद ज़ब्त किया गया था। यानी 2019 में 438 करोड़ ज़्यादा पकड़े गए। कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नाइक ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि नोटेबंदी से काला धन ख़त्म होगा। लेकिन इतना पैसा फिर चुनाव में कैसे पहुंचा? भाजपा के उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि आजादी के बाद 65 साल के कांग्रेस के शासनकाल में जो भ्रष्टाचार का कल्चर रहा यह उसी का असर है। साथ ही चुनाव आयोग ने 238.87 करोड़ की शराब पकड़ी है। 1180.79 करोड़ के ड्रग्स पकड़े हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा 524 करोड़ के ड्रग्स अकेले गुजरात में पकड़े गए हैं।