अस्थायी बेहोशी या सिनकोप के दौरे हो सकते हैं खतरनाक

नई दिल्ली, सिनकोप यानि अस्थायी बेहोशी के दौरे ऐसी बीमारी है जिसके चलते आप अपने जान से हाथ गवां सकते हैं। इसलिए खतरनाक बेहोशी की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आपने कभी थोड़ी देर तक चक्कर आने या घबराहट अथवा धड़कन तेज होने और उसके बाद बेहोशी महसूस की है? अगर ऐसा हुआ है, तो क्या कारण पता नहीं चला? अकसर ऐसी स्थिति में यह समझा जाता है कि ऐसा कमजोरी की अस्थायी स्थिति में होता है, जो अनुपयुक्त आहार, कम सोने, थकान आदि से होता है। हालांकि कुछेक मामलों में यह भले ही सही हो, पर बेहोश होने का मामला गंभीर हो सकता है। बेहोश होकर गिरने से ना सिर्फ घातक चोट लग सकती है, बल्कि यह किसी मेडिकल स्थिति का मुख्य लक्षण भी हो सकता है। मेडिकल मामलों में बेहोश होने को सिनकोप कहा जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन सिनकोप को अस्थायी बेहोशी कहता है, जो मस्तिष्क में खून का प्रवाह अपर्याप्त होने से होता है। ऐसा तब होता है, जब हृदय मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन पंप करना छोड़ देता है। नतीजतन रक्तचाप कम हो जाता है।
सिनकोप की शुरुआत अचानक होती है और रिकवरी भी तकरीबन अचानक ही होती है। इसके शुरुआत में भिन्न कारणों जैसे पसीना आना, गर्मी लगना, शरीर में पानी कम होना (डीहाइड्रेशन), थकान या शरीर की स्थिति बदलने पर पैरों में खून जमा हो जाने से भी ऐसा होता है। वैसे तो किसी भी आयु का व्यक्ति सिनकोप का शिकार हो सकता है, पर 60 साल से ऊपर के लोगों में यह ज्यादा आम है। ऐसे लोगों में इससे मौत का जोखिम भी ज्यादा होता है। बुजुर्गों के मुकाबले कम उम्र के लोगों में कारण अलग होते हैं। कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स, वेंट्रीकुलर डिसफंक्शन, हार्ट अटैक झेल चुके और जेनेटिक म्युटेशन वाले लोगों को यह जोखिम ज्यादा हो सकता है। आम मान्यता है कि बेहोशी न्यूरोलॉजिकल कारणों से ही होती है। इसके उलट वास्तविक कारण अकसर कार्डियक प्रकृति का होता है। बिना कारण बेहोश होने और चक्कर आने का प्राथमिक कारण हृदय की स्थिति से जुड़ा हो सकता है, जिसके आप शिकार हो सकते हैं। सिनकोप हृदय की सबसे आम गड़बड़ी के लिए प्राथमिक लक्षण है। इसे हृदय का असामान्य रिद्म कहा जाता है। कुछ मामलों में हृदय के असामान्य रिद्म का एकमात्र चेतावनी संकेत है बेहोश होना। इसकी वजह से अचानक कार्डियक अरेस्ट और मौत तक हो सकती है। खासकर उन लोगों के मामले में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, जिन्हें पहले से हृदय की बीमारी है। इसलिए सिनकोप की पहचान और उसका कारण जानना बहुत महत्वपूर्ण है। उपचार समय पर नहीं हो, तो यह घातक हो सकता है।

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