भुवनेश्वर,सम्बलपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने के लिए निर्वाचन आयोग ने ओडिशा के जनरल पर्यवेक्षक को बुधवार 17 अप्रैल को निलंबित कर दिया। आयोग के आदेश के अनुसार, कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया।
जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने सम्बलपुर के जनरल पर्यवेक्षक को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया। घटना मंगलवार 16 अप्रैल को हुई। मूल रूप से पटना के रहने वाले मोहसिन साल 1966 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर हैं, जिन्हें जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया था। वह फिलवक्त कर्नाटक सरकार में सचिव (सोशल वेलफेयर विभाग) के रूप में कार्यरत हैं।
निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया सम्बलपुर में प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करना निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था। अप्रैल 2014 में जारी निर्देशों के मुताबिक, एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट प्राप्त होती है।
चुनाव आयोग ने उपचुनाव आयुक्त धर्मेद्र शर्मा को संबलपुर भेजा है। उनसे प्रधानमंत्री से जुड़े मामले की विस्तृत जांच करके दो दिन में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग के सचल दस्ते ने मंगलवार को राउरकेला में बीजू जनता दल अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर के अंदर जाकर जांच पड़ताल की थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार उन्होंने कहा कि पटनायक ने दस्ते को पूर्ण सहयोग दिया और जब तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो गई तब तक वे हेलीकॉप्टर के अंदर ही बैठे रहे। मुख्यमंत्री पटनायक ने राउरकेला में एक रोडशो आयोजित किया था। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हेलीकॉप्टर की भी सचल दस्ते ने मंगलवार को जांच पड़ताल की थी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एक चुनावी रैली को संबोधित करने गये थे। इसी दौरान उनके चॉपर से यह बक्सा उतारा गया था। जिसके बाद एक निजी कार में रख कर कहीं ले जाया गया था। इस वीडियों के सामने आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर से उतरे ‘काला बक्सा’ मामले की जांच की चुनाव आयोग से मांग की थी।