भोपाल, मध्यप्रदेश में ई टेंडर घोटाले की जांच 80,000 करोड रुपए के ई टेंडर के ठेकों तक पहुंच गई हैं। ईओडब्ल्यू ने ई टेंडर घोटाले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को 15 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड में रखा गया है। पूछताछ के दौरान ई टेंडर घोटाले में बड़े बड़े मामलों का खुलासा हो रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछली सरकार ने ई टेंडर के माध्यम से लगभग 80,000 करोड रुपए के काम में भारी घोटाले हुए हैं। पांच विभागों के ई टेंडर में टेंपरिंग करके मनमाने तरीके से ठेकेदारों को काम दिया गया है। ई टेंडर की शर्तों को बार बार विभागों ने बदल कर चहेते ठेकेदारों को इसका सुनियोजित लाभ पहुंचाया है।
सूत्रों का यह भी कहना है की ई टेंडर के नाम पर हजारों करोड़ रुपए का घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ है। इसमें राजनेता और बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
ईओडब्ल्यू ने वर्ष 2014 से अब तक जितने भी ई टेंडर हुए हैं। उसकी जानकारी विभागों से मांगी हैं। अभी शुरुआती जांच में 3000 करोड़ रुपए के टेंडर जांच के दायरे में थे जो बढ़कर लगभग 80,000 करोड रुपए के ई टेंडर तक पहुंच गए हैं। ई टेंडर घोटाले में मंत्री और शीर्ष स्तर के अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। सुनियोजित तरीके से ई टेंडर के माध्यम से मनमाने तरीके से चहेते ठेकेदारों को काम देकर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। नई सरकार ई टेंडर में हुए घोटाले को लेकर काफी सजग हुई है। 2014 से लेकर अभी तक जो भी ई टेंडर हुए हैं। उस सारी प्रक्रिया की जांच ईओडब्ल्यू कर रही हैं।