भोपाल,17वीं लोकसभा के लिए मध्यप्रदेश की कुछ सीटों को लेकर दोनों ही प्रमुख दल माथापच्ची करने में लगे हुए हैं। भोपाल से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाकर भाजपा की सांसे फुला दी है। भाजपा अब तक इस सीट से अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। अब खबर आ रही है कि गुरुवार को दिल्ली में हुई भाजपा की बैठक में भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम लगभग तय कर दिया गया है। इसके साथ ही इंदौर और विदिशा सीटों पर भी दिग्गजों को उतारने की तैयारी की जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल से दिग्विजय को टक्कर देने के लिए उमा को मैदान में उतारा जाएगा। 2003 के विधानसभा चुनाव में उमा भारती के नेतृत्व में ही मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। हालांकि, केंद्रीय मंत्री उमा भारती पहले ही चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा कर चुकी है। पर अब बताया जा रहा है कि उमा को चुनाव लडऩे के लिए मना लिया गया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर का नाम भोपाल सीट से सामने आया था। इस बात की चर्चा थी कि उन्हें मुरैना से भोपाल लाया जा सकता है। लेकिन, अब उमा भारती का नाम चर्चा में आया है। अगर उमा भारती भोपाल से चुनाव लड़ती हैं तो यह मुकाबला रोचक होगा। दो पूर्व मुख्यमंत्री आमने सामने होंगे।
मुरैना से ही लड़ेंगे तोमर
पार्टी सूत्रों के अनुसार, टिकट की देरी से कई सीटों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। साथ ही यह बात भी सामने आई है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना से ही चुनाव लड़वाया जाएगा।
विदिशा से शिवराज
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिर एक बार लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, उन्हें अपनी पुरानी सीट विदिशा से मैदान में उतारा जा रहा है। शिवराज पहले भी विदिशा से सांसद रहे हैं। बाद में उन्होंने सुषमा स्वराज के लिए यह सीट छोड़कर मप्र में कमान संभाली थी। फिलहाल शिवराज बुदनी विधानसभा सीट से विधायक भी है।
इंदौर से विजयवर्गीय
सीट वितरण में देरी के बाद इंदौर सीट से सांसद रहीं सुमित्रा महाजन चुनाव लडऩे से इंकार कर चुकी हैं। गुरुवार को हुई बैठक के बाद इंदौर सीट से शिवराज सरकार में मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय को उतारने की तैयारी केंद्रीय नेतृत्व कर चुका है। इंदौर सीट से ताई के हटने के बाद विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला को टिकट देने की चर्चा थी।
प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी
मध्यप्रदेश में टिकटों को लेकर उपजे भारी असंतोष को लेकर काफी नाराजगी सामने आई है। स्थिति काबू से बाहर होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी जाहिर की है। उल्लेखनीय है कि मप्र में भाजपा के कुछ नेता टिकट वितरण से असंतुष्ट होकर दूसरे दलों में चले गए हैं।