भोपाल, राजधानी मे हुए करोडो रुपये के ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू टीम द्वारा गुरुवार को गिरफ्तार किये गये ऑस्मो आईटी साल्यूशन के आरोपी डायरेक्टर आरोपी विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर और वरुण चतुर्वेदी को शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने भोपाल कोर्ट में पेश किया जहॉ से तीनो ओरोपियो को कोर्ट ने तीन दिन के रिमांड पर सोंप दिया। गोरतलब है की ऑस्मो कंपनी के कंप्यूटर्स के आईपी एड्रेस घोटाले में सामने आये है, जिसके बाद टीम ने तीनो डायरेक्टरो को गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार टीम ने तीनो आरोपी डायरेक्टरो को कोर्ट मे पेश कर बताया की छापे की कार्यवाही अभी जारी है, ओर कार्यवाही के दोरान जप्त दस्तावेजो के संबध मे भी आरोपियो से महत्वपूर्ण पुछताछ किया जाना है। अपनी दलीले देते हुए ईओडब्ल्यू ने आरोपियो को पांच दिन के रिमांड सोपे जाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने तीनो आरोपियो को 15 अप्रैल तक के रिमांड पर सोपे जाने के आदेश दिये। गोरतलब है की कंपनी के मानसरोवर कॉम्प्लेक्स स्थित दफ्तर के कम्प्यूटरो से टेंडरो में छेड़खानी करने की जानकारी सामने आई है। यह भी पता लगा है, कि जिस यूजर आईडी के द्वारा दो आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कर टेंडरों में छेड़छाड़ की गई, इस आईपी से कंपनी के डायरेक्टर विनय चौधरी का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लिंक है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को जांच एजेंसी ने ऑस्मो के मानसरोवर कॉम्प्लेक्स स्थित दफ्तर की तलाशी भी ली। ईओडब्ल्यू के अधिकारियो ने बताया कि कंपनी के दफ्तर से सभी कम्प्यूटरो की हार्ड डिस्क हैश वैल्यू निकालकर जब्त किये जाने की कार्यवाही जारी है। 30 से ज्यादा हार्डडिस्क जब्त करने में दो दिन या उससे अधिक समय लग सकता है। ईओडब्ल्यू एसपी अरुण मिश्रा का कहना है की कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की रिर्पोर्ट के बाद ही यह कार्रवाई की गई है। हार्ड डिस्क की जांच रिर्पोर्ट मिलने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि कोन कोन से सिस्टम टेंपरिंग के लिए इस्तेमाल किए गए थे। गोरतलब है की ऑस्मो डिजिटल सिग्नेचर बनाने वाली कंपनी है, ओर शुरू से ही इस कंपनी की भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे मे रिमांड पर लिये गये कंपनियो के डायरेक्टर्स से टीम विस्तृत पूछताछ करेगी।