नई दिल्ली,नमो टीवी चैनल की शुरुआत ऐसे समय पर की गयी है। जब लोकसभा चुनाव होने ही वाले हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने अपनी सख्ती बरतते हुए इस चैनल को भी नहीं बख्शा है। वहीं इस कार्यवाई से आयोग ने अपनी शक्ति का भीपरिचय दिया है। आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर टीवी के अचानक लॉन्च होने पर रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित इस चैनल के लॉन्च को लेकर आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग ने दूरदर्शन को भी पत्र लिख कर जवाब मांगा कि एक राष्ट्रीय चैनल होने के बावजूद उन्होंने 31 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैंपेन मैं भी चौकीदार का एक घंटे का लाइव प्रसारण कैसे चलाया। आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाया कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी किसी राजनीतिक पार्टी को यह अधिकार कैसे है कि वह अपना खुद का चैनल शुरू कर सके। पार्टी ने पूछा था कि नमो टीवी में चलने वाले कंटेट की मॉनिटरिंग कौन करेगा।
वहीं सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नमो टीवी कोई लाइसेंस प्राप्त चैनल नहीं बल्कि एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है। जहां तक नमो टीवी प्लेटफार्म की बात है तो इसके जरिए हो रहे विज्ञापन और चैनल संचालन का पूरा खर्च पार्टी ही वहन कर रही है। इसका ब्यौरा निर्वाचन आयोग को भेजे बीजेपी के सालाना ऑडिट में भी है। बता दें कि नमो टीवी पर पीएम मोदी और उनके भाषणों के अलावा भाजपा-केंद्रित सामग्री दिखाई जा रही है। भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल ने ट्वीट कर दर्शकों से नमो टीवी और नमो ऐप को पीएम की रैलियों और भाषणों के लिए देखने को भी कहा है।