भोपाल, माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में किसी छात्र को शून्य या 90 अंक से ज्यादा नंबर मिलते हैं तो मुख्य परीक्षक उनकी कॉपियों की दोबारा जांच करेंगे। मुख्य परीक्षक और उप मुख्य परीक्षक को 10 फीसदी कॉपियों की सैम्पलिंग जांच करनी होगी। इसमें एक दिन में एक परीक्षक अधिकतम 45 और न्यूनतम 30 कॉपियों की जांच कर सकता है। इस हिसाब से हर मुख्य परीक्षक को प्रति परीक्षक चार से पांच कॉपियों की जांच करनी होगी। अगर एक मुख्य परीक्षक के अधीन 30 परीक्षक हैं, तो उसे प्रतिदिन 120 से 150 के करीब कॉपियां रोज सैम्पलिंग के तौर पर जांचनी होंगी। माशिमं की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 20 मार्च से शुरू हो गया है। माशिमं द्वारा प्रदेश के सभी 51 जिलों की समन्वयक संस्थाओं में मूल्यांकन शुरू किया गया है। एक मार्च से हाईस्कूल व दो मार्च से हायर सेकेंडरी की परीक्षा शुरू हुई थी। टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल को मूल्यांकन केन्द्र समन्वयक संस्था बनाया गया है। मूल्यांकन के पहले चरण में 16 मार्च तक संपन्न हुए 10वीं-12वीं के पेपरों की कॉपियों को जांचने का काम शुरू हुआ है। 30 अप्रैल तक करीब 25 हजार शिक्षक 18 करोड़ से अधिक कापियों का मूल्यांकन करेंगे। कॉपियों की जांच में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए इस बार भी कॉपियों की सैंपलिंग जांच की जाएगी। इसमें मुख्य परीक्षक कॉपियों के बंडल में से किसी भी कॉपी को निकालकर उसकी जांच करेगा।
नियमानुसार मुख्य परीक्षक को 10 फीसदी कॉपियों की सैंपलिंग करना अनिवार्य है। सैंपलिंग जांच में मूल्यांकन में अंक देने में त्रुटि या अंकों के योग में त्रुटि पाई जाती है तो उस परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उस पर अर्थदंड भी लगाया जाएगा। इसके अलावा परीक्षक द्वारा ज्यादा गलती किए जाने पर उसे ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। अगर कोई मुख्य परीक्षक कॉपियों की सैंपल जांच करते समय लापरवाही करता है तो परीक्षक के साथ ही मुख्य परीक्षक पर भी कार्रवाई होगी। वहीं मुख्य परीक्षक पर भी अर्थदंड लगाया जा सकता है। माशिमं द्वारा पिछले वर्ष 10वीं के 300 और 12वीं के 700 विद्यार्थियों की कॉपियों को दोबारा मूल्यांकन कराने पर अंक बढ़ गए थे। इसे लेकर एक हजार से अधिक मूल्यांकन करने वाले शिक्षक, मुख्य परीक्षक व उप परीक्षक के खिलाफ जुर्माना लगाकर कार्रवाई की गई थी। समन्वयक केंद्रों पर मूल्यांकनकर्ताओं को मूल्यांकन के दौरान मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। अगर कोई भी मोबाइल पर बात करते हुए या मोबाइल लिए हुए मूल्यांकन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। कॉपी में अंकों के योग की गलती मिलने पर प्रति अंक 100 रुपए अर्थदंड लगेगा। 10 फीसदी से ज्यादा कॉपियों में गलती पर परीक्षक ब्लैकलिस्ट घोषित किया जाएगा। कॉपी जांचने के बाद भी छात्र को ओएमआर शीट में अनुपस्थित बताने पर प्रति प्रकरण 1000 रुपए का अर्थदंड लगेगा। इस बारे में माशिमं के सचिव अजय सिंह गंगवार का कहना है कि इस साल भी बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन में सैंपलिंग प्रक्रिया अपनाई जाएगी। मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा गड़बड़ी किए जाने पर काकर्रवाई की जाएगी।