उधमपुर में कर्ण स‍िंह का बेटा दे रहा है मंत्री जीतेन्द्र सिंह को कड़ी चुनौती, मुकाबला हुआ रोचक

उधमपुर,लोकसभा चुनाव में जैसे-जैसे मतदान की तिथियां करीब आ रही है प्रत्यासियों के बीच घमासान तेज होता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर की उधमपुर संसदीय सीट पर इस बार फ‍िर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी सरकार में मंत्री डॉ. ज‍ितेंद्र स‍िंह एक बार इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस से कर्ण स‍िंह के बेटे व‍िक्रमाद‍ित्य स‍िंह उन्हें चुनौती दे रहे हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला इन दोनों के बीच है। इसके अलावा नवरंग कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, डोगरा स्वाभ‍िमान संगठन पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी, श‍िवसेना सह‍ित 5 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में जीत के ल‍िए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। मालूम हो क‍ि जम्मू और श्रीनगर की दो सीटों पर 18 अप्रैल को दूसरे फेज में मतदान होना है। 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होने के बाद देश, चुनावी माहौल में आ गया है। 19 मार्च को इस सीट के ल‍िए नोट‍िफ‍िकेशन न‍िकला, 26 मार्च को नोम‍िनेशन की अंत‍िम तारीख, 27 मार्च को उम्मीदवारों की अंत‍िम ल‍िस्ट पर मुहर लगी। अब 18 अप्रैल के मतदान के ल‍िए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। मतदान का पर‍िणाम 23 मई को आना है।
जम्मू और कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट, क्षेत्रफल की लिहाज से सूबे की दूसरी बड़ी सीट है। इस लोकसभा सीट का कुल क्षेत्र करीब 20,230 वर्ग किलोमीटर है। इस सीट में पहाड़ी हिमालय का हिस्सा भी शामिल है। क्षेत्रफल से लिहाज से यह सीट इजरायल देश के बराबर है। इस सीट के अन्तर्गत सूबे के 6 जिलें (किश्तवाड़, रामबन, कठुआ, डोडा, रियासी और उधमपुर) और 17 विधानसभा सीट (तीन अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित) आते हैं। इस सीट से कश्मीर का राजघराना भी चुनावी मैदान में उतर चुका है और तत्कालीन कश्मीर राजघराने के राजकुमार कर्ण सिंह यहां से चार बार सांसद भी रहे हैं। वर्तमान में इस सीट से नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सांसद हैं।
1967 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर करण सिंह पहली बार संसद पहुंचे थे। इसके बाद 1968 में कांग्रेस के ही जीएस ब्रिगेडियर जीते। 1971 में कांग्रेस के टिकट पर करण सिंह फिर जीते। इसके बाद वह लगातार तीन चुनाव जीते। वह 1977 में तीसरी और 1980 में चौथी बार सांसद बने। 1984 में इस सीट से कांग्रेस के ही टिकट पर गिरधारी लाल डोगरा जीतने में कामयाब हुए। इसके बाद 1988 में काफी विवादित उपचुनाव हूआ। इस उपचुनाव में जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह ने जीत दर्ज की।
1989 में यह सीट फिर कांग्रेस के पास आई और उसके टिकट पर धरम पॉल जीते, हालांकि 1991 का चुनाव उग्रवाद के कारण इस सीट पर नहीं हुआ, लेकिन 1996 में जब चुनाव हुआ तो यहां पर पहली बार भाजपा का खाता खुला। भाजपा के चमन लाल गुप्ता लगातार तीन बार (1996, 1998 और 1999) यहां से सांसद रहे। 2004 में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की और उसके टिकट पर चौधरी लाल सिंह लगातार दो बार (2004 और 2009) जीते। 2014 का चुनाव काफी रोचक रहा है। इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को उतारा, लेकिन वह चुनाव हार गए और बीजेपी के डॉ. जितेंद्र सिंह चुनाव जीत गए।

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