नई दिल्ली,रंगों का त्योहार, होली आ रह है। यह बच्चों को को काफी पसंद होता है क्योंकि उन्हें रंगों से खेलने और मस्ती करने का अच्छा अवसर मिलता है। आप उन्हें रंगों से खेलने दें पर साथ ही सेहत का भी ध्यान रखने को कहे। कई बार रसायन वाले रंग आंखों में जाने से नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए बाद में इलाज कराने से बेहतर है कि हम शुरू में ही सावधानी बरतें। होली को देखते हुए कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप भी खुशी के साथ सुरक्षित होली मना सकते हैं।
होली खेलने के पहले:
होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर पर तेल लगा लें। बालों पर तेल लगाना न भूलें। सरसों के तेल की जगह नारियल का तेल लगाना बेहतर विकल्प है।
शरीर को ढककर रखें। होली के मौके पर फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना बेहतर रहेगा।
खेलने के दौरान बरतें ये सावधानियां :
प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें :
बहुत अधिक गहरे रंगों का इस्तेमाल न करें! इनमें रसायन होने की आशंका अधिक होती है जिससे त्वचा में एलर्जी, एक्जिमा और बालों से जुड़ी समस्या हो सकती है.
बच्चे ध्यान रखें कि होली का रंग मुंह, नाक और आंख में न जाए। वरना सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और आंखों में जलन हो सकती है।
रंग छुड़ाते समय बहुत अधिक साबुन का इस्तेमाल न करें। इससे त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
रंग छुड़ाते समय मुंह और आंख बंद रखें। ध्यान रखें कि रंग का पानी कान में न जाए।
छोट बच्चे जब रंग खेलने जाएं तो उनके साथ रहें।
बच्चों की आंखों की सुरक्षा के लिए आप उन्हें गागल्स भी पहना सकते हैं। इससे वे देखने में स्टाइलिश भी लगेंगे। वहीं आप इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चे किसी अनजान व्यक्ति के साथ होली न खेलें। यह काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है।
सही हो इस्तेमाल
बच्चे होली खेलते समय रंगों से ज्यादा पिचकारी या गुब्बारों का प्रयोग करते हैं, ऐसे में उन्हें इन चीजों का सही तरह से इस्तेमाल करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, उन्हें बताएं कि वे पिचकारी के साथ खेलते हुए भी किसी के ऊपर बिल्कुल पास से पानी न फेंकें। इससे सामने वाले व्यक्ति को चोट लग सकती है। साथ ही आप बच्चों को पानी के गुब्बारों से न खेलने दें। इससे दुर्घटना होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। अगर वह बैलून के साथ खेलना ही चाहते हैं तो उन्हें समझाएं कि वे सिर्फ दोस्तों के साथ ही वाटर बैलून से खेलें।
होली पर बच्चों की सुरक्षा हेतु आपको भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो आप अपनी कालोनी या निश्चित स्थान में ही बच्चों को होली खेलने दें। यह उनकी सुरक्षा हेतु बेहद आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त आप होली के लिए सुरक्षित रंगों का ही इस्तेमाल करें। अगर आप खुद होली पार्टी दे रहे हैं तो किसी को भी रंग लाने के लिए न कहें। बल्कि आप ही ढेर सारे प्राकृतिक व हर्बल कलर्स का इस्तेमाल करें। अगर संभव हो तो खुद ही फूलों व मसालों की मदद से होली के रंग तैयार कर लें। इससे बच्चों के साथ-साथ किसी को भी हानिकारक कलर्स का सामना नहीं करना पड़ेगा। ऐसी बहुत सी घटनाएं हुई हैं, जब बच्चों को हानिकारक रंगों के कारण स्किन एलर्जी व अन्य समस्याएं होने के साथ-साथ जान भी गई है।
होली खेलने से पहले बच्चों की पूरी त्वचा पर तेल लगाना न भूलें और कान के पास, आंखों के नीचे और नाखूनों आदि में वैसलीन लगाएं। इससे त्वचा पर तेल की एक लेयर बन जाएगी और हानिकारक रंग अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाएंगे।
सावधानी रखने के बाद भी अगर बच्चों को रंग लगने से जलन महसूस हो रही हो, धुंधलापन लग रहा हो, सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो तुरंत अपने करीबी डॉक्टर से संपर्क करें।