क्राइस्टचर्च,समय पर काम करना सफलता के लिए जरुरी माना जाता है पर शुक्रवार को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में देर से पहुंचने के कारण ही बांग्लादेशी क्रिकेट टीम की जिंदगी बची। बांग्लादेशी टीम के कप्तान महमूदुल्लाह ने मैच से पहले होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में नौ मिनट की देरी कर दी थी जो बाद में टीम की खुशकिस्मती बन गयी। इसी कारण टीम देर से क्राइस्टचर्च की मस्जिद में पहुंची और आतंकी हमले से बाल-बाल बच गयी।
बांग्लादेश की पूरी टीम को हेगली पार्क स्थित उसी मस्जिद अल नूर में नमाज अदा करने जाना था, जो बंदूकधारी की भयावह गोलीबारी का शिकार हुई पर पीसी की उन 9 मिनटों की देर ने क्रिकेटरों को बचा लिया।
क्राइस्टचर्च में मौजूद बांग्लादेशी खेल पत्रकार मोहम्मद इसाम अफरातफरी और खौफ की घटना के दौरान वहीं थे। इसाम ने कहा कि दिन में 1 बजे बांग्लादेश टीम हैग्ली ओवल में अभ्यास के लिए पहुंची, लेकिन तब बारिश आने वाली थी। ऐसे में उन्होंने पास स्थित मस्जिद जाने का फैसला किया। यह भी योजना बनी थी कि लिंकन यूनिवर्सिटी जाकर इंडोर ट्रेनिंग सेशन किया जाए, लेकिन दूर होने के कारण उसे टाल दिया गया। करीब 1 बजकर 27 मिनट पर कप्तान महमूदुल्लाह ने हैग्ली ओवल में पत्रकार वार्ता की। वह हड़बड़ी में थे क्योंकि टीम के बाकी सदस्य मस्जिद जाने के लिए तैयार थे और बस में बैठे थे। बावजूद इसके उन्होंने 9 मिनट तक पत्रकारों से बात की।
करीब 1 बजकर 35 मिनट पर इसाम पार्किंग एरिया में थे और टीम सदस्य बस में बैठ गये थे। इसमें 17 लोग सवार थे, जिसमें खिलाड़ियों के अलावा टीम मैनेजर खालिद मशूद, टीम के विडियो एनलिस्ट भारत के श्रीनिवास चंद्रशेखरन और मसाजर मोहम्मद सोहेल भी शामिल थे हालांकि टीम के स्पिन कंसलटेंट और पूर्व भारतीय स्पिनर सुनील जोशी तब होटेल में ही रुके रहे। इसाम को थोड़ी देर बाद टीम के सबसे सीनियर सदस्य तमीम इकबाल का फोन आया, जिसमें वह गोलीबारी की बात कहकर मदद की गुहार लगा रहे थे। इसाम को पहले लगा कि तमीम शायद उनसे मजाक कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने तुरंत दूसरी बार कॉल किया जिसमें उनकी आवाज पूरी तरह लड़खड़ाई हुई थी। तमीम ने उनसे कहा कि वह पुलिस को कॉल कर दें क्योंकि मस्जिद के अंदर गोलीबारी हो रही है जब खिलाड़ी उसके अंदर घुसने ही वाले थे। इसाम हड़बड़ी में निकलकर भागे और एक महिला की गाड़ी से लिफ्ट लेकर डीन्स ऐवेन्यू पहुंचे जहां वह मस्जिद स्थित थी। बांग्लादेशी पत्रकार मजहरउद्दीन और उत्पल शुव्रो भी उनके साथ हो लिए। पुलिस ने मस्जिद की नाकेबंदी कर रखी थी। टीम की बस पास ही खड़ी थी।