श्रीनगर, सूबे में आतंकवाद और अलगाववाद को मिलने वाली वित्तीय राहत को रोकने के लिए आयकर विभाग ने जम्मू और श्रीनगर में बीते दो दिनों के दौरान करीब दो दर्जन व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। इस दौरान करोड़ों रुपये की कीमत के अघोषित जेवरात, करोड़ों रुपये की बेमानी अचल संपत्ति के दस्तावेज और 1.44 करोड़ की अघोषित नकदी भी जब्त की गई है। आयकर विभाग की गुरुवार से शुरू हुई कार्रवाई शुक्रवार शाम तक चली। घाटी में पांच जगहों पर आयकर विभाग की टीमों ने तलाशी ली, जबकि जम्मू में करीब डेढ़ दर्जन जगहों पर आयकर टीम पहुंची। आयकर विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह छापेमारी राज्य में शरारती तत्वों द्वारा गड़बड़ी फैलाने के लिए कालेधन के उपयोग रोकने के लिए की गई है।
इस अभियान से उन लोगों को चेताया गया है जो राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बाधा पहुंचाने के लिए मौका तलाश रहे हैं। इस अभियान के दौरान क्रॉस एलओसी व्यापार में शामिल एक नामी व्यापारी के ठिकानों पर भी छापामार कार्रवाई की गई है। यह व्यापारी कई फर्जी लोगों और दूसरे लोगों के नाम पर बीते छह साल से क्रॉस एलओसी व्यापार में लगा हुआ है। इस व्यापार से होने वाले फायदे का एक बड़ा हिस्सा वह घाटी में संदिग्ध तत्वों तक पहुंचा रहा है। उसके ठिकाने से कई दस्तावेज मिले हैं, जो कि उसके द्वारा संदिग्ध तत्वों के उपयोग और उनके नाम पर लेन देन की पुष्टि करते हैं। फिलहाल, इस मामले की जांच चल रही है। विभाग के अनुसार अभियान में अभी तक 1.44 करोड़ की अघोषित नकदी के अलावा 2.48 करोड़ की अघोषित ज्वैलरी बरामद की है। इसके अलावा इन छापों के दौरान मिले दस्तावेजी सुबूतों के आधार पर 41 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की अघोषित संपत्ति के लेन-देन जोकि मुख्य तौर पर घाटी में हुआ है, उसका पता चला है। इसके अलावा 17 लाख रुपये के वित्तीय लेन-देन की भी जानकारी मिली है। छापों में कुछ हार्ड डिस्क भी मिली हैं जो जब्त दस्तावेजों के आधार पर जुटाए गए तथ्यों को सही ठहराती हैं।