भोपाल,लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भारतीय जनता पार्टी में टिकट को लेकर मारामारी मची हुई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वे में लगभग 13 सांसदों की स्थिति काफी कमजोर बताई गई है। यदि इन सांसदों को पुनः टिकट दी गई तो इनके जीतने में परेशानी होगी। इस स्थिति को देखते हुए संघ और भाजपा ने एक रणनीति बनाई है, कुछ सांसदों के संसदीय क्षेत्रों में बदलाव कर दिया जाए। कुछ सांसदों की टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा जाए। उल्लेखनीय है कि अभी मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीट में से 26 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। 3 सीटें कांग्रेस के पास हैं।
देवास के सांसद मनोहर ऊंटवाल तथा खजुराहो के सांसद नागेंद्र सिंह विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। विदिशा से केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। ऐसी स्थिति में इन तीनों संसदीय क्षेत्रों में नए नामों की तलाश की जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार केंद्रीय चुनाव समिति कोई भी जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं है। जिन सांसदों के चुनाव जीतने की संभावना बहुत नगण्य है, उनकी टिकट काटने का भी फैसला किया गया है, इस बार टिकट वितरण में संघ की दखलअंदाजी भी बढ़ी है।