नई दिल्ली, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ सीट से अपना पर्चा दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, अलीगढ़ हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)का मजबूत गढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिस पर अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह भाजपा की मदद कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने अगर अलीगढ़ से नामांकन दाखिल किया तो भाजपा और बसपा को भारी नुकसान हो सकता है। क्योंकि अलीगढ़ में 19 फीसदी मुस्लिम आबादी है और बीते वर्षों में देखा जाए तो बसपा को मुस्लिमों का समर्थन मिलता रहा है। ओवैसी अलीगढ़ के जुड़े मसलों से हाल के दिनों में लगातार जुड़े रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन होने के बाद अलीगढ़ सीट बसपा के खाते में गई है और माना जा रहा है कि अलीगढ़ से अजित बालियान को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। इस लोकसभा सीट पर इस समय भाजपा सांसद सतीश कुमार गौतम हैं। सन 2009 में इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा है। अलीगढ़ से अगर असदुद्दीन ओवैसी पर्चा दाखिल करते हैं तो हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण तय है, जिसका भाजपा प्रत्याशी को लाभ मिलेगा। ऐसे में सपा-बसपा के गठबंधन को भारी नुकसान हो सकता है।