जम्मू, जम्मू में एक बस स्टैंड पर कथित रूप से ग्रेनेड फेंकने के मामले में 16 साल के किशोर को गिरफ्तार किया है। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी । उसने पूछताछ कर्ताओं को बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के एक आतंकी ने उसे ऐसा करने के लिये 50 हजार रुपये दिये थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। इससे यह संकेत मिलता है कि आतंकवादी समूहों ने जम्मू-कश्मीर में लोगों के बीच खौफ पैदा करने के लिये फिर से कम उम्र के लड़कों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इसी महीने की 12 तारीख को 16 साल के होने जा रहे इस किशोर को गुरुवार को बस स्टैंड पर ग्रेनेड फेंकने के बाद वहां से भागते वक्त पकड़ लिया गया था। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और 31 लोग घायल हैं। अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान किशोर ने पुलिस को बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ने उसे ग्रेनेड फेंकने के लिये 50 हजार रुपये दिये थे। अधिकारियों के मुताबिक उसके आधार कार्ड और स्कूल रिकॉर्ड समेत पहचान से जुड़े अन्य कागजी दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि 12 मार्च 2003 बताई गई है। जांचकर्ताओं के अनुसार, कुलगाम जिले के स्वघोषित हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख फैयाज ने जम्मू में किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह पर ग्रेनेड फेंकने का काम संगठन के भूमिगत कार्यकर्ता मुजम्मिल को दिया था। मुजम्मिल ने इससे इनकार कर दिया। उसने ग्रेनेड फेंकने का काम छोटू (सांकेतिक नाम) को देने का निर्देश दिया। किशोर अपने तीन भाई-बहनों ने सबसे बड़ा है। वह नौवीं कक्षा में पढ़ता है तथा उसके पिता पेंटर हैं।