पलवल, गुरुवार सुबह 7:30 बजे के आस पास रामनगर कॉलोनी में घर के बाथरूम में तेंदुआ घुस गया। दरअसल, घर में रहने वाले पटवारी से मिलने आए इस व्यक्ति ने जैसे ही बाथरूम जाने के लिए दरवाजा खोला, तो तेंदुए को देख हक्का-बक्का रह गया। दरवाजा बंद कर उन्होंने शोर मचाया, जिससे तुरंत ही आस पड़ोस के लोग वहां पहुंचे और बाथरूम से लेकर घर के मेन गेट तक को अच्छे से बंद किया गया। इसके बाद लोगों ने इस बारे में पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने तेंदुआ पकड़ने के लिए गुड़गांव और फरीदाबाद से वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम बुलाई। आखिरकार 3 घंटे चले ऑपरेशन के बाद तेंदुए को पकड़ लिया गया। लोगों के अनुसार यह मकान शुगर मिल निदेशक रमेश को दाना का है, उसने तुरंत बाथरूम का गेट बंद कर आसपास के लोगों को बताया तो 4- 5 युवक मौके पर पहुंचे और बाथरूम के गेट के सामने लंबा बांस लगाकर गेट को मजबूती से बंद कर दिया। इस बीच तेंदुआ भी बाथरूम में ही पड़ा रहा और उसने कोई हरकत नहीं की। जानकारी प्राप्त होते ही मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल ने आसपास के मकानों खाली करवाया। फरीदाबाद से वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर चरण सिंह व सुनील कुमार गुड़गांव से वन्य जीव प्राणी विभाग की दो-तीन करीब 11:30 बजे वाइल्डलाइफ के डीएफएसओ श्याम सुंदर और डॉक्टर अशोक खासा के नेतृत्व में पहुंची। पलवल वन्य जीव प्राणी विभाग के अधिकारी किरण रावत ने बताया कि दोनों टीमों को करीब 3 घंटे की मशक्कत करनी पड़ी।
गुड़गांव से आई टीम के टेंक्यूलाइजर गनमैन डॉ अशोक खासा ने तेंदुए को पकड़ने के लिए मशीन इंजेक्शन लाकर फायर किया। टेंक्यूलाइजर इंजेक्शन मारने के लिए बाथरुम से पानी की निकासी के लिए लगाए गए पाइप का इस्तेमाल किया गया। इंजेक्शन लगाने के 20 मिनट बाद दरवाजा खोल कर देखा, तो तेंदुआ होश में था और हमले के लिए उठ खड़ा हुआ। इस पर कर्मचारियों ने तुरंत दरवाजा बंद करके दूसरा गेट लगाकर दोबारा इंजेक्शन लगाया। इसके लगभग आधे घंटे में दरवाजा खोलने पर वह बेहोश मिला। वन विभाग रेंज अधिकारी किरण सिंह रावत के अनुसार लगभग 7 घंटे चले ऑपरेशन के बाद तेंदुआ पकड़ा गया। वाइल्ड लाइव के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के लगभग 16 कर्मचारियों ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को शुरू किया। साथ ही ऑपरेशन के दौरान तेंदुए को पकड़ने के लिए घर के अंदर जाल फैला दिया गया। बाद में उसे पकड़कर जाल में बंद किया गया एवं गुड़गांव से आई वन विभाग की टीम तेंदुए को अपने साथ ले गई।