सतना,मध्यप्रदेश में सतना जिले के चित्रकूट से अपहृत किए गए दो जुड़वां भाइयों के शव उत्तरप्रदेश के बांदा में मिले हैं। 6 वर्षीय जुड़वा भाई श्रेयांश और प्रियांश का अपहरण 12 फरवरी को किया गया था। बच्चों को सुरक्षित लौटाने के लिए परिजन ने 20 लाख रुपए की फिरौती भी दी थी। बावजूद इसके बच्चों की हत्या कर शव यमुना में फेंक दिए गए। बच्चों की हत्या की खबर के बाद चित्रकूट में स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उन्होंने जगह-जगह प्रदर्शन भी किया है। पुलिस ने इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता राजू द्विवेदी सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
रीवा जोन के आईजी चंचल शेखर ने बताया कि बच्चों के अपहरण और हत्या के मुख्य आरोपी पद्मकांत शुक्ला सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पद्मकांत बजरंग दल के संयोजक विष्णुकांत शुक्ला का भाई है। हालांकि, अब तक की जांच में इस मामले में विष्णु की कोई भूमिका सामने नहीं आई है। आरोपियों ने अपराध में बाइक और कार का इस्तेमाल किया था। बाइक की नंबर प्लेट पर रामराज्य लिखा हुआ था। कार पर भाजपा का झंडा लगा हुआ था। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर होने के कारण इस मामले में दोनों ही राज्यों की सरकारें एक-दूसरे पर आरोप लगा रही है। पुलिस ने आरोपियों के पास से कट्टा, तीन मोटरसाइकिल और बोलेरो कार भी जब्त की है। पुलिस की जॉंच में बजरंग दल एवं भाजपा से जुडा हुआ बताया जा रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उप्र में हत्या होने और उप्र सरकार की नाकामी के कारण हुआ है। नाथ ने उप्र सरकार से इस्तीफे की मांग की है।
कई जगह हिंसा, विरोध
बच्चों के शव बरामद होने के बाद चित्रकूट और आसपास की कुछ जगहों पर लोगों का आक्रोश हिंसा के रूप में सामने आया है। घटना से आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए हैं। कुछ जगहों पर नाराज लोगों ने तोडफ़ोड़ भी की। पूरा बाजार बंद है। यात्री बसों और ऑटो को रोका जा रहा है। उग्र भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे हैं। प्रशासन ने धारा 144 लागू कर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।
निकाला कैंडल मार्च, आज मौन जुलूस
सतना भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में बच्चों की निर्मम हत्या और सरकार की नाकामी को लेकर रविवार को कैंडल मार्च निकाला गया। इस मार्च में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। सोमवार को प्रात: 9:00 बजे सिविल लाइन चौराहे के पास से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकाला जाएगा। साथ ही सोमवार को सतना में बंद का आह्वान किया गया है।
मामला दर्ज करने की मांग
वहीं, स्थानीय लोग सद्गुरू सेवा ट्रस्ट के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। इसी ट्रस्ट के अंतर्गत सद्गुरु पब्लिक स्कूल आता है।
बजरंग दल ने किया आरोपों को खारिज
बजरंग दल ने दोनों ही आरोपियों से किसी तरह के संबंध होने से इंकार किया है। बजरंग दल ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि आरोपियों से दल का कोई संबंध नहीं है। न ही ये लोग किसी प्रकार के दायित्व में हैं। पुलिस के पास ऐसे कोई प्रमाण हो तो वह प्रस्तुत करें। बच्चों की हत्या के पीछे पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए बजरंग दल का नाम घसीट रही है। बजरंग दल का कहना है कि पिछले कई वर्षों से बालाघाट निवासी ललित पारधी क्षेत्रीय संयोजक और राजू त्रिपाठी चित्रकूट के स्थानीय संयोजक हैं।
6 आरोपी गिरफ्तार
– राजू द्विवेदी पुत्र राकेश कुमार द्विवेदी, निवासी भबुआ अंश थाना बबेरू, जिला बांदा (उप्र)
– पदम शुक्ला पुत्र रामकरण शुक्ला, निवासी थाना नयागांव चित्रकूट
– लकी सिंह पुत्र सतेंद्र सिंह तोमर, निवासी ग्राम तेदुरा, थाना विसंडा, जिला बांदा (उप्र)
– रोहित द्विवेदी पुत्र ब्रह्मदत्त द्विवेदी, निवासी भबुआ अंश थाना बबेरू, जिला बांदा (उप्र)
– रामकेश यादव पुत्र रामशरण यादव, निवासी छेरा, जिला बांदा (उप्र)
– पिंटू उर्फ पिंटा पिता रामशरण यादव, निवासी गुरदहा, जिला हमीरपुर (उप्र)
12 फरवरी को हुआ था अपहरण
दोनों बच्चों प्रियांश और श्रेयांश का घर उत्तरप्रदेश के चित्रकूट धाम (कर्वी) स्थित रामघाट में है। उनके पिता ब्रजेश रावत तेल के व्यवसायी है। ये बच्चे मध्यप्रदेश के चित्रकूट स्थित सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे। 12 फरवरी को बच्चे दोपहर करीब 1 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद बस से घर लौट रहे थे, तभी स्कूल परिसर में ही बाइक से आए दो नकाबपोश युवकों ने पिस्तौल दिखाकर बस को रोका और बच्चों का अपहरण कर लिया था। यह वारदात सीसीटीवी में भी कैद हुई थी।
2 करोड़ की मांगी थी फिरौती
पुलिस का कहना है कि अपहरणकर्ताओं ने दो करोड़ रुपए फिरौती मांगी थी। परिजन ने 20 लाख रुपए दे भी दिए थे। ऐसा माना जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने पहचान छुपाने के लिए बच्चों की हत्या कर दी।
3 दिनों तक चित्रकूट में ही थे
जानकारी के अनुसार, बच्चों को 12 फरवरी को अपहरण के बाद तीन दिनों तक एक घर में चित्रकूट में ही रखा गया था। यहां एक किराए के मकान में इन बच्चों को बेहोशी की हालत में रखा गया था।
किसने क्या कहा
चित्रकूट से अपहृत दो मासूम श्रेयांश और प्रियांश का शव मिलना अत्यंत दु:खद है। मेरी बच्चों के पिता ब्रजेश रावत से फोन पर बात हुई है। मैंने उन्हें भरोसा दिया है कि मासूमों की हत्या करने वाले अपराधियों को हर हाल में कड़ी सजा मिलेगी।
कमल नाथ, मुख्यमंत्री
बच्चों की तलाश में उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश पुलिस का संयुक्त अभियान चल रहा था। अपराध उत्तरप्रदेश में हुआ है। यह वहां की सत्ताधारी भाजपा सरकार की नाकामी है। छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मामला फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। उत्तरप्रदेश सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
पीसी शर्मा, जनसंपर्क मंत्री, मध्यप्रदेश
प्रदेश सरकार और प्रशासन बच्चों को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराने में 12 दिन बाद भी असफल हुए। अंतत: उन स्कूली बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई। लेकिन, प्रदेश सरकार ट्रांसफरों में मस्त है। प्रशासनिक रिक्तता और अराजकता भीषण रूप से प्रदेश में व्याप्त हो चुकी है।
गोपाल भार्गव, नेता विपक्ष
मैं अब भी सरकार से कहता हूं कि प्रदेश की बदतर हो चुकी स्थिति में सुधार लाएं नहीं तो हम वृहद स्तर पर आंदोलन करेंगे और जनता के लिए लड़ेंगे। श्रेयांश और प्रियांश वे फूल थे जो खिलने के पहले ही डाल से तोड़ लिए गए। केवल शाब्दिक सहानुभूति से काम नहीं चलेगा। प्रदेश में आगे कानून व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त हो, इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। मैं दोनों बच्चों को श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं। प्रदेश की जनता को कष्टों से निजात दिलाने के लिए सरकार नहीं चेती तो हम सड़क पर उतरेंगे।
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री
सतना के चित्रकूट इलाके से अपहृत बच्चों की फिरौती लेकर भी हत्या, यमुना में फेंकी लाशें
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