वाशिंगटन,अमेरिका में एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को वर्क परमिट देने वाले नियमों में बदलाव की कवायद चल रही है। ह्वाइट हाउस में औपचारिक तौर पर पेश किए गए प्रस्तावित बदलाव में एच1-बी वीजाधारकों के जीवनसाथी के वर्क परमिट को खत्म करने की बात कही गई है। अधिकारियों के मुताबिक इस प्रस्ताव के स्वीकृत हो जाने पर तकरीबन 90 हजार वीजाधारकों के पति-पत्नी प्रभावित होंगे। इसमें काफी संख्या में भारतीय लोग शामिल हैं। बुधवार को यह प्रस्ताव बजट के लिए ह्वाइट हाउस ऑफिस के मैनेजमेंट विभाग के पास भेजा गया है।
गौरतलब है कि आईटी पेशेवरों के लिए सबसे ज्यादा मांग वाला एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारी रखने की अनुमति देता है और अमेरिका की प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियां हर साल इस वीजा की मदद से हजारों भारतीय और चीनी कर्मचारियों की अपने यहां नियुक्त करती हैं। इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला ह्वाइट हाउस को लेना है। अंतिम फैसला लेने से पहले ह्वाइट हाउस इस प्रस्ताव की समीक्षा कर सकता है और अनेक एजेंसियों से इस संबंध में इनपुट भी ले सकता है। इन सब में एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक का समय लगने का अनुमान है।
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने कहा जब तक इस प्रस्तावित बदलाव की समीक्षा नहीं हो जाती तब तक यह विनियमन अंतिम नहीं माना जाएगा। संस्था के प्रवक्ता ने बताया यूएससीआईएस कर्मचारियों से जुड़े सभी वीजा प्रोग्राम्स की समीक्षा कर रहा है। जब तक नियमन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक एच-4 वीजाधारकों की रोजगार योग्यता के संबंध में कोई निर्णय अंतिम नहीं है। उन्होंने बताया वाइट हाउस से अनुमति मिलने के बाद रेगुलेशन को फेडरल रजिस्टर में 30 दिनों के कॉमेंट पीरियड के साथ पब्लिश कर दिया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद ही नए बदलाव प्रभाव में आ सकेंगे। ट्रंप प्रशासन इस प्रस्तावित बदलाव के साथ आगे बढ़ने के मूड में हैं वहीं कमला हैरिस सहित अमेरिकी नीति-निर्माताओं का एक समूह इस बदलाव का विरोध कर रहा है। सिलिकॉन वैली की कंपनियां भी इस बदलाव के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने इसे न सिर्फ एंटी-विमन करार दिया है, बल्कि उनका यह भी कहना है कि इससे एच1बी वीजाधारकों के प्रतिभाशाली जीवनसाथी अमेरिका में काम नहीं कर पाएंगे।
ट्रंप प्रशासन एच1-बी वीजा नीतियों की समीक्षा कर रहा है। उसे लगता है कि कंपनियां अमेरिकन वर्कर्स को रिप्लेस करने के लिए इस नियम का दुरुपयोग कर रही हैं। ट्रंप प्रशासन ने खुले तौर पर यह कहा भी है कि वह एच-4 वीजाधारकों को वर्क परमिट देने पर रोक लगाना चाहता है। इनमें भारतीय-अमेरिकी महिलाएं काफी तादाद में शामिल हैं। यूएससीआईएस के मुताबिक 5 अक्टूबर तक एच-1बी वीजा पर अमेरिका में 419,637 विदेशी नागरिक काम कर रहे थे। इनमें से 309,986 भारतीय थे। ट्रंप प्रशासन ने इस बाबत कहा है कि वह अमेरिकी लोगों के हितों के लिए रोजगार आधारित वीजा प्रोग्राम्स की गहन समीक्षा कर रहा है।