जयपुर, प्रदेश में संचालित हो रही करीब 50000 निजी स्कूलों को अब यह सर्टिफिकेट देना होगा कि संबंधित स्कूल की बाल वाहिनी या सरकार के नॉर्म्स पर पूरी तरह से फिट है। 16 बिंदुओं की घोषणा पत्र की पालना का यह सर्टिफिकेट जिला शिक्षा अधिकारियों के मार्फत 15 दिन में शिक्षा निदेशालय में पहुंचेगा। करौली में निजी स्कूल की बस से गिरकर हुई बच्चे की मौत के बाद शिक्षा विभाग ने सख्त दिशा निर्देश जारी किए।
शिक्षा निदेशालय की ओर से हादसे के बाद में आज जिला शिक्षा अधिकारियों को एक सर्कुलर जारी कर निजी स्कूलों से दिशा निर्देशों की पालना कराने के निर्देश दिए। राज्य में फिलहाल बड़ी संख्या में ऐसे निजी स्कूल है जो बाल वाहिनी के नॉर्म्स को पूरा नहीं करते। बड़ी संख्या में आज भी ऐसी स्कूल बसें चल रही है जो खस्ता हालत में है। इन बसों से हर वक्त बच्चों को खतरा बना रहता है। यही नहीं बड़ी संख्या में निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए टेंपो का इस्तेमाल होता है। यह टेंपो बच्चों को ठूसकर स्कूल लाने ले जाने का काम कर रहे हैं। नॉर्म्स के अनुरूप बाल वाहिनीयां चलने का देना होगा सर्टिफिकेट, निदेशालय ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश, करौली में स्कूल बस से बच्चे की हुई मौत के बाद जारी हुए निर्देश, गाइडलाइन में सभी स्कूल बस चालकों के पुलिस वेरीफिकेशन के निर्देश, क्षमता से अधिक बच्चे नहीं ले जा सकेंगी बाल वाहिनी, बाल वाहिनी के दोनों और चालक का नाम मोबाइल नंबर हेल्पलाइन नंबर होंगे अंकित, 16 बिंदुओं का परिपत्र जारी किया शिक्षा निदेशालय ने, हर स्कूल को पालना करनी होगी इन 16 बिंदुओं के परिपत्र की, शिक्षा निदेशालय की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है।