वलसाड से राहुल ने फूंका चुनावी बिगुल,नोटबंदी, जीएसटी, राफेल पर मोदी को घेरा

अहमदाबाद, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज दक्षिण गुजरात के वलसाड में चुनावी बिगुल फूंकते हुए पीएम मोदी पर कड़े प्रहार किए. जैसा अंदाजा लगाया जा रहा था, ठीक उसी प्रकार राहुल गांधी ने भाषण की शुरुआत चौकीदार के नारे के साथ की. उन्होंने कटाक्ष किया कि पहले अच्छे दिन के नारे लगते थे और अब चौकीदार चोर के नारे बुलंद हो रहे हैं. पूरा देश जानता है चौकीदार चोर है, इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौन हैं.
वलसाड जिले की धरमपुर तहसील के लाल डुंगरी मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर राफेल सौदे में बिचौलिए की भूमिका का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने दोस्त उद्योगपति अनिल अंबानी के खाते में 30 हजार करोड़ रुपए डाल दिए. पीएम ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए एचएएल को ठेका नहीं दिया. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और भारत की जनता कह रही है कि चौकीदार चोर है. उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री अरूण जेटली देश के छोटे-मोटे उद्यमियों को चोर समझते हैं, जबकि विजय माल्या जैसे लोगों को बिजनेस मेन. किसानों के मुद्दे पर भी राहुल गांधी केन्द्र सरकार पर बरसे. राहुल ने कहा कि पीएम मोदी सरकार ने 15 लोगों का तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया. लेकिन किसान और छोटे दुकानदारों की मदद करने से सरकार इंकार कर रही है. नोटबंदी के दौरान देश के करोड़ों को लोग कतारों खड़े दिखाई दिए, जिसमें एक भी अमीर नहीं था. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने करोड़ों का कालाधन सफेद कर दिया. अमित शाह की सहकारी बैंक एडीसी में सात सौ करोड़ रुपए जमा हुए| राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीस गढ़ में सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया. देशभर के किसान कर्ज माफी चाहते हैं, लेकिन सरकार उनका कर्ज माफ नहीं कर रही है| किसान को साढ़े तीन रुपए एक दिन देने का देने पर पीएम मोदी समेत उनके सांसदों ने लोकसभा में खूब मेजें थपथपाईं. राहुल ने कहा कि केवल राफेल डील में चोरी नहीं हुई| गुजरात में जल, जमीन और जंगल का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि हम भारत माला परियोजना का विरोध नहीं करते. लेकिन उसके लिए जिस प्रकार से जमीन हथियाई जा रही है, उसका विरोध है. राहुल ने कहा कि आदिवासियों को कुचल कर विकास नहीं किया जा सकता, उनकी आवाज नहीं दबाई जा सकती| किसान व आदिवासियों की जमीनें उनकी मर्जी के बिना नहीं ली जानी चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *