नई दिल्ली,आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से लंबी पूछताछ की है। इससे पहले कल उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम से 6 घंटे पूछताछ हुई थी। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई और इसके बदले करोड़ों रुपये की घूस ली गई।
राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सीधे जाम नगर हाउस के ईडी के दफ्तर पहुंचे। पूरे दिन उनसे मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर पूछताछ चलती रही। उनसे आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश को मंजूरी देने की वजह पूछी गई। पूछा गया कि आखिर मंजूरी देते वक्त उन्होंने नियमों का पालन क्यों नहीं किया। उनकी तमाम संपत्तियों से जुड़े सवाल भी दागे गए।
यह मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि कार्ति चिदम्बरम ने अपने पिता के जरिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाई। आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश मिला। कार्ति ने ही आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को पी चिदम्बरम से मिलवाया था। इसके बदले कार्ति चिदंबरम ने घूस के तौर पर करोड़ो रुपये लिए थे। जबकि विदेशी निवेश के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति की इजाज़त लेना जरूरी है। इस मामले में सीबीआई ने 2017 में केस दर्ज किया था और कार्ति चिदम्बरम को गिरफ्तार भी किया था।