नई दिल्ली, एक ताजा अध्ययन में यह कहा गया है कि आजकल जिंदगी में बढ़ता तनाव आपकी आंखों की रोशनी छीन सकता है। मनोवैज्ञानिक तनाव अपने साथ ग्लूकोमा, डायबिटिक विजन लॉस और भी कई तरह की आंखों की बीमारियां लाता है। दरअसल आंखों की नर्व और ब्लड वैसल्स और दिमाग दोनों ही कोर्टिसोल नाम के हॉर्मोन से प्रभावित होते हैं। यह एक स्ट्रेस हॉर्मोन है जो आंखों की रोशनी को भी खराब कर सकता है। अध्ययन के दौरान यह भी पाया कि तनाव के कम होने से खराब हुई आंखों की रोशनी काफी हद तक वापस भी आ सकती है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस बात प्रमाण है कि तनाव आंखों की परेशानियों को और भी खराब कर देता है। लेकिन डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हुए इस बात को गंभीरता से नहीं लेते। आंखों के अंदर मौजूद फ्लूड में तनाव बढ़ने के साथ दवाब बढ़ जाता है, जिससे ब्लड वेसल्स खराब हो जाती हैं, वहीं आंखों में सूजन का भी कारण बनता है।