लखनऊ,मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट देने वाली पुलिस की रिपोर्ट रद्द कर दी है। सीजेएम ने यह आदेश पुलिस रिपोर्ट के खिलाफ अमिताभ की प्रोटेस्ट अर्जी पर सुनाया है। कोर्ट में मामले को परिवाद के रूप में दर्ज करने का भी आदेश दिया है। इसके साथ ही आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के बयान के लिए 11 फरवरी की तिथि तय की गई है।
अमिताभ ने प्रोटेस्ट अर्जी में कहा था कि मुलायम के राजनीतिक और सामाजिक रसूख के कारण उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए पुलिस ने दोबारा से अंतिम रिपोर्ट दाखिल की। जबकि विवेचना में फोन करने की बात सही साबित हुई थी। अमिताभ का कहना था कि उनके साथ घोर अन्याय हुआ है, ऐसे में अंतिम रिपोर्ट खारिज की जाए। मामले में 18 जनवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। 12 अक्टूबर, 2015 को मामले की विवेचना के बाद हजरतगंज थाने के के एसआई कृष्ण नंदन तिवारी ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। साथ ही झूठा अभियोग दर्ज करवाने के लिए आईपीसी की धारा-182 के तहत अमिताभ को दंडित करने की मांग भी की थी। लेकिन 20 अगस्त, 2016 को अदालत ने अमिताभ की प्रोटेस्ट अर्जी मंजूर करते हुए अंतिम रिपोर्ट खारिज कर दी। साथ ही दोनो पक्षों की आवाज के नमूने लेकर पुनर्विवेचना का आदेश दिया था।
26 जुलाई, 2018 को अदालत के आदेश पर दूसरे विवेचक सीओ बाजारखाला अनिल कुमार यादव आवाज का नमूना लेने मुलायम के आवास गए। मुलायम ने नमूना देने से इनकार कर दिया, लेकिन स्वीकार किया था कि आवाज उन्हीं की है। साथ ही यह भी कहा कि मैंने बड़े होने के कारण अमिताभ को समझाया था। मेरी मंशा उन्हें धमकी देने की नहीं थी। 11 अक्टूबर, 2018 को सीओ बाजारखाला अनिल कुमार यादव ने अपनी विवेचना समाप्त करते हुए दोबारा अंतिम रिपोर्ट दाखिल की। उन्होंने रिपोर्ट में सुसंगत साक्ष्य न होने का हवाला देते हुए मुलायम को क्लीनचिट दे दी थी।
सीजेएम ने अपने आदेश में कहा अमिताभ अपने बयान पर कायम हैं। बयान के समर्थन में उन्होंने साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। दूसरी तरफ मुलायम ने भी अपने बयान में ही खुद की आवाज होना स्वीकार किया है। ऐसे में पुलिस की अंतिम रिपोर्ट खारिज करने योग्य है।