नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ममता बनर्जी और सीबीआई के बीच हुए सियासी नाटक का असर देश की कार्यपालिका में देखने को मिला। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच उस समय हाथापाई की स्थिति पैदा हो गई जब हाल में ही तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पश्चिम बंगाल की विष्णुपुर लोकसभा सीट के प्रतिनिधि सौमित्र खान अपनी बात रख रहे थे। सीबीआई को लेकर विपक्षी दलों के सदस्य जब सरकार पर हमला कर रहे थे तो तृणमूल कांग्रेस के लोग ताली बजाकर उनका स्वागत करते रहे। पूरा माहौल उनके पक्ष में बन रहा था लेकिन इसी बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद बदरुद्दोजा खान ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल जरूर हो रहा है लेकिन ममता बनर्जी भी अच्छा नहीं कर रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि एक मुख्यमंत्री किसी पुलिस अधिकारी के बचाव में इस तरह से कैसे आ सकती हैं। पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री के धरना स्थल पर कैसे बैठ सकता है। यह अच्छा नहीं है। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए और उन्हें बचाया नहीं जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य इससे तिलमिला गए और उसकी सदस्य अपरूपा पोद्दार गलियारा पार कर दूसरी तरफ से बैठे बदरुद्दोजा के पास जाकर उनके माइक को लपक लिया और जोर-जोर से सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में बोलने लगी। तृणमूल कांग्रेस और माकपा सदस्य के बैठने की जगह के बीच के गलियारे में कई सदस्यों के आने से हंगामें की स्थिति पैदा हो गई। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य बीच-बीच में सीबीआई तोता है…तोता के नारे लगा रहे थे। इसी बीच अध्यक्ष ने सौमित्र खान को बोलने के लिए कहा। खान ने अपने पुराने स्थान से ही ममता बनर्जी के धरने का विरोध किया और आरोप लगाया कि वह एक पुलिस अधिकारी के पक्ष में खड़ा होकर गलत कर रही है। इससे तृणमूल कांग्रेस के खेमे में खलबली मच गई। हंगामे के बीच तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीदार अचानक खान के माइक के पास पहुंच गईं और हाथापाई करने की मुद्रा में दिखाई दीं।
तृणमूल के कई सदस्य वहां पहले से एकत्र होकर उन्हें रोकने का प्रयास करते रहे लेकिन खान बिना रुके बोलते रहे। डॉ. दस्तीदार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन जब वह बोलते रहे तो डॉ दस्तीदार ने उनकी तरफ थप्पड़ मारने के अंदाज में हाथ उठाया। भाजपा की तरफ से इस पर कुछ सदस्यों ने जोर से बोलना शुरू किया। हंगामा बढ़ते देख खान अपनी बात पूरी किए बिना सत्ता पक्ष की तरफ आ गए और वहां से अपनी बात रखी। खान ने पश्चिम बंगाल में संविधान के टूटने की बात भी कही। तृणमूल से निष्कासित एक और सांसद बोलपुर से निर्वाचित अनुपम हाजरा भी खान के समर्थन में नजर आए। जब तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हंगामा कर रहे थे तब हाजरा अपने स्थान पर शांत बैठे थे। खान ने पिछले वर्ष नवंबर में तृणमूल से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। तृणमूल कांग्रेस में पहले उन्हें पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का करीबी माना जाता था।