भोपाल,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। कर्मचारियों को प्रोफेशनल टैक्स में राहत देने के आदेश गुरुवार को जारी कर दिए गए। नए आदेश के मुताबिक अब 2 लाख 25 हजार तक की वार्षिक आय पर कोई प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगेगा।
इसके पहले एक लाख 80 हजार रुपए तक आय वालों को प्रोफेशनल टैक्स देना होता था। इससे अधिक वार्षिक वेतन या मजदूरी वालों को ढाई हजार रुपए टैक्स देना होता थाा। इसी प्रकार दो लाख 25 हजार रुपए से तीन लाख रुपए तक वार्षिक वेतन वालों से डेढ़ हजार रुपए प्रोफेशनल टैक्स लिया जाएगा। यानी सरकार ने सीमा भी बढ़ाई और टैक्स भी कम कर दिया। इसी प्रकार तीन लाख से चार लाख के बीच वार्षिक वेतन वाले कर्मचारियों को ढाई हजार रुपए से घटाकर दो हजार रुपए प्रोफेशनल टैक्स देना होगा। वहीं चार लाख से अधिक वार्षिक वेतन वालों के लिए वार्षिक प्रोफेशनल टैक्स की दर दो हजार 500 रुपए किया गया है।
हालाकि यह घोषणा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने की थी, लेकिन अमल में कमलनाथ ने लाया। इस घोषणा के बाद से प्रदेश के 40 हज़ार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रोफेशनल टैक्स से मुक्त होंग। सरकारी कर्मचारियों को प्रोफेशनल टैक्स में राहत देने वाली ये घोषणा पिछली शिवराज सरकार ने की थी, इसे बजट में लाया गया था, लेकिन यह तब लागू नहीं हो पाया और चुनाव आ गए।
क्या होता है प्रोफेशनल टैक्स
प्रोफेशनल टैक्स अप्रत्यक्ष कर है, इसे वृत्तिकर भी कहा जाता है। यह विशेष नगरीय निकाय क्षेत्र सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में कार्यरत व्यक्ति, चार्टेड एकाउंटेंट, डाक्टर, वकील और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में लगे व्यापारियों पर लगाया जाता है। यह टैक्स राज्य सरकारें लेती हैं।