उच्च विकास दर के साथ भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, राजकोषीय घाटा 3.4 % पर

नई दिल्ली,केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट २०१९-२० पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने बृह्त आर्थिक स्थिरता का सबसे अच्छा समय देखा है। २०१३-१४ में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में ११वें स्थान में थीं जो अब विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है।
वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ‘भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है।’ औसत जीडीपी विकास दर ७.३ प्रतिशत वार्षिक है। १९९१ में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के बाद किसी भी सरकार की यह सबसे उच्च विकास दर है। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ईमानदार, निर्णायक और स्थिर सरकार ने पॉलिसी पैरालाइसिस को समाप्त करके समावेशी विकास की नींव रखी है और देश के सम्मान को पुनः कायम किया है।
न्यू इंडिया २०२२ तक
गोयल ने कहा कि न्यू इंडिया, २०२२ में स्वतंत्रता के ७५ वर्ष पूरे होने पर उत्सव मनाएगा, जब प्रत्येक परिवार के पास अपना एक घर होगा और शौचालय के साथ विद्युत व जल आपूर्ति की सुविधा होगी; किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और देश आतंकवाद, सांप्रदायिकतावाद, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से मुक्त होगा।
राजकोषीय घाटे में कमी
अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में गोयल ने कहा कि २०११-१२ के ५.८ प्रतिशत तथा २०१२-१३ के ४.९ प्रतिशत की उच्च दर की तुलना में राजकोषीय घाटे को २०१८-१९ के संशोधित अनुमानों के अनुसार ३.४ प्रतिशत पर लाया गया है। औसत मुद्रास्फीति की दर २०००-२०१४ में १०.१ प्रतिशत थी जो कम होकर ४.६ प्रतिशत हो गई है। दिसंबर २०१८ में मुद्रास्फीति केवल २.१९ प्रतिशत थी। वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के केवल २.५ प्रतिशत रहने की संभावना है। ६ वर्ष पहले यह केवल ५.६ प्रतिशत था। श्री गोयल ने कहा कि मजबूत मूलभूत घटकों तथा स्थिर नियामक व्यवस्था के कारण देश में पिछले ५ वर्षों के दौरान २३९ बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) हुआ है। उन्होंने कहा कि संरचनात्मक कर सुधार के मामले में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) एक मील का पत्थर है।
बैंक ऋणों की वसूली
गोयल ने बैंकिंग सुधारों को रेखांकित करते हुए कहा कि शोधन अक्षमता एवं दिवालियापन संहिता ने समाधान-अनुकूल व्यवस्था तैयार की है और इस कारण बैंकों ने तीन लाख करोड़ रुपये का ऋण वसूल किया है। उन्होंने कहा कि २०१४ में ५.४ लाख करोड़ रुपये मूल्य के फंसे हुए कर्ज (एनपीए) थे। २०१५ के पश्चात इस समस्या के समाधान के लिए कई समीक्षाएं की गईं और अंत में ४आर (पहचान, समाधान, पुनः पूंजी देना और सुधार) का दृष्टिकोण अपनाया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय हालत को मजबूत करने के लिए सरकार ने २.६ लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम
रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता के नए युग का सूत्रपात करते हुए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने रियल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम, २०१६ रेरा तथा बेनामी लेनदेन अधिनियम का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, २०१८ ने उन आर्थिक अपराधियों की परिसंपत्तियों को जब्त करने और उनका निपटारा करने में सहायता प्रदान की है जो देश के न्यायाधिकार से बच निकलते हैं। उन्होंने कहा कि कोयला जैसे प्राकृतिक संसाधनों तथा स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है।
स्वच्छता-शौच से मुक्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शुभारंभ किए गए स्वच्छता मिशन की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि देश ने ९८ प्रतिशत ग्रामीण स्वच्छता कवरेज का लक्ष्य हासिल किया है। ५.४५ लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए शैक्षणिक संस्थानों तथा सरकारी नौकरियों में १० प्रतिशत के आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार २५ प्रतिशत (लगभग २ लाख) अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था करेगी। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वर्तमान आरक्षित व्यवस्था को लागू रखा जाएगा।
गरीबों के लिए अनाज
वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों तथा मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए २०१८-१९ में १,७०,००० करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। २०१९-२० के बजट अनुमान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए ६० हजार करोड़ रुपये की धनराशि का आवंटन किया है।

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