नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस जवानों को‎ तीन महीने में एक बार में आठ दिन का अवकाश देने का प्रस्ताव ‎

रायपुर, छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल इलाकों में काम कर रहे जवानों को विशेष सहूलियतें देने पर विचार कर रही है। पुलिस कर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए गठित नेहा चंपावत कमेटी ने 17 जनवरी को अपनी रिपोर्ट डीजीपी डीएम अवस्थी को सौंपी है। इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि नक्सल इलाकों में पदस्थ जवानों को हर तीन महीने में एक बार आठ दिन की एकमुश्त छुट्टी दी जानी चाहिए। नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान साप्ताहिक अवकाश की बजाय हर महीने एकमुश्त चार दिन का अवकाश चाहते हैं। एक दिन का अवकाश मिलने पर जंगल से जवान निकल भी नहीं पाएंगे। जवानों की इस मांग को देखते हुए तीन महीने में एक बार में आठ दिन का अवकाश देने का प्रस्ताव दिया गया है। कमेटी ने मैदानी इलाकों और थानों में पदस्थ जवानों को साप्ता‎हिक अवकाश देने का प्रस्ताव दिया है। गौरतलब है कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले पुलिसकर्मियों के परिवारों ने अपनी मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू किया था। तब तत्कालीन सरकार ने उनके आंदोलन को कुचल दिया था। कई पुलिस कर्मियों के परिजनों को जेल भी भेजा गया था। इसके बाद नेहा चंपावत की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। अब नई सरकार को चंपावत कमेटी की रिपोर्ट भेजने की तैयारी की जा रही है। आगामी बजट में पुलिस कर्मियों की कई मांगों के संबंध में घोषणा हो सकती है।

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