अफसरों संग कमलनाथ के सामने सिंधिया ने ग्वालियर-गुना क्षेत्र का मॉडल प्रोजेक्ट पेश किया

भोपाल,पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कल अफसरों को लेकर मंत्रालय पहुंचे एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर ग्वालियर-गुना लोकसभा क्षेत्र के विकास का मॉडल पेश किया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक राजनीतिक विमर्श भी हुआ। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आठ फरवरी को प्रस्तावित प्रदेश दौरे को लेकर चर्चा भी हुई। मुख्यमंत्री ने सिंधिया के क्षेत्र की विकास की स्थिति को समझा और मुख्य सचिव एचआर मोहंती को बुलाकर ग्वालियर-चंबल के अटके हुए सभी प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा करवाने के निर्देश दिए। राजनीतिक जमावट के तहत वे अपने क्षेत्र में भाजपा के तीन कद्दावर नेताओं की एंट्री कांग्रेस में करा गए। जल्द ही प्रशासनिक जमावट के आदेश होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। एक घंटे से ज्यादा दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई। इसमें ग्वालियर-चंबल की राजनीतिक स्थिति और वहां पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए किए जाने वाले कामों के साथ आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी, रणनीति, विकास के प्रमुख मुद्दे, संभावित प्रत्याशी को लेकर चर्चा हुई। काफी देर तक दोनों नेताओं के बीच लॉबी में भी बातचीत हुई। सिंधिया इसके बाद मुख्य सचिव एसआर मोहंती से भी मिले।
इस दौरान सिंधिया ने ग्वालियर और चंबल संभाग में प्रशासनिक व पुलिस महकमे सहित अन्य फेरबदल पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि दोनों में एकांत चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय में पहले से मौजूद राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव सहित ग्वालियर व चंबल क्षेत्र के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई। इसमें विधायकों ने अपने क्षेत्रों से संबंधित कुछ कामों की बात रखी तो मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सभी पर काम होगा। दरअसल, पहले यह बताया गया था कि सिंधिया ग्वालियर व चंबल क्षेत्र के विकास को लेकर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। ग्वालियर चंबल संभाग में अपने दखल को दिखाते हुए वहां भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार तीन लोगों दो पूर्व विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी और राव राजकुमार यादव सहित एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मलकीत सिंह संधू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमरजीत सिंह और चार सरपंच व चार पूर्व सरपंचों को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराया।

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