बिलासपुर, सिम्स का पीडियाट्रिक आईसीयू में आग लगने से आज एक नवजात की दम घुटने से मौत हो गई। वहीं एक की हालत नाजुक बनी हुई है। बताते हैं, आग लगने के बाद आईसीयू में काफी धुंआ भर गया था। हालांकि, सिम्स प्रबंधन ने बच्चों को आईसीयू से बाहर निकालने में चुस्ती दिखाई। लेकिन तब तक दो बच्चे की स्थिति बिगड़ गई थी। वहीं 40 नवजातों में से 7गंभीर को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाटापारा के किसी गांव का छह दिन के बच्चे को सिम्स में भर्ती कराया गया था। अफसरों ने बताया कि चूंकि सिम्स का पीडियाट्रिक आईसीयू को ठीक होने में अभी वक्त लगेगा, इसलिए ४० बच्चों में से सात गंभी बच्चे को प्रायवेट अस्पताल शिशु भवन में और कम गंभीर 9 को जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। ज्ञातव्य है, घटना आज करीब 11 बजे की है। सिम्स के ओपीडी समेत विभिन्न वार्डों में चहल-पहल शुरू हो गई थी। तभी पीडियाट्रिक्स आईसीयू के नीचे ग्राउंड फ्लोर पर आग लग गई। आग की लपटें तेज थी कि धूप अंधेरा छा गया। नीचे के धुंआ से ऊपर पीडियाट्रिक आईसीयू में धुंआ भर गया। इससे वार्ड में चीख-पुकार मच गई।
अचानक हुई इस घटना से अस्पताल कैंपस में अफरा तफरी मच गई। सिम्स में आग बुझाने के की कोशिश की गई लेकिन, आग काबू में नहीं आ रही थी। फिर, फायर ब्रिगेड को सूचना भेज गई। कुछ देर में फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। घटना के बाद तुरंत वार्ड को खाली करा लिया गया। दस से अधिक बच्चों को प्रायवेट अस्पताल में भेजा गया है। कम गंभीर बच्चों को जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है। घटना की खबर मिलने पर कलेक्टर, एडिशनल एसपी एसडीएम मौके पर पहुंच गए।
शीशा तोडक़र धुंआ निकाला गया
सिम्स के पीडियाट्रिक आईसीयू के पावर पैनल में आग लगने के दौरान अगर वर्किंग आवर नीं होता तो दम घूंटकर ४० बच्चों आईसीयू में ही दम तोड़ देते। आग लगने की घटना करीब साढ़े ग्यारह बजे हुई। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के साथ ही अस्पताल में सारे डाक्टर एवं स्टाफ मौजूद थे। इसलिए तत्परता से कार्रवाई की गई। आईसीयू का शीशा तोडक़र धुंआ निकाला गया। इसलिए नुकसान कम हो पाया। जिस आईसीयू के पावर पेनल में आग लगी, उसमें गंभीर रूप से बीमार बच्चे भरती किए जाते हैं। पेनल आईसीयू से ठीक नीचे के फ्लोर में है। जिससे नीचे का धुंआ उपर उठकर आईसीयू में घुसने लगा। बताते हैं आग की सूचना मेडिकल सुपरिटेंडेंट को दी गई। उन्होंने कुछ और डाक्टरों को लेकर तुरंत मौके पर पहुंचे। उस समय तक आईसीयू धुंए से भर गया था। आलम यह था कि बेड और दीवार दिखाई नहीं पड़ रहे थे। मोबाइल के टार्च से आईसीयू के शीशे तोड़े गए। एक तरफ शीशा तोड़ा जा रहा था, दूसरी ओर बच्चों को शिफ्अ करने का काम भी शुरू कर दिया गया। आईसीयू में उस समय ४० बच्चे एडमिट थे। सभी को निकालकर नीचे के बरामदा में रखा गया। कई बच्चों को आक्सीजन लगे थे।
दोषी बख्शे नहीं जाएंगे-सिंहदेव
सिम्स हादसे को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही है। मंत्री ने कहा यह बेहद दुख घटना है, पीडियाट्रिक वार्ड में आग कैसे लगी.. इस पूरे घटनाक्रम में कौन दोषी है.. इसकी जांच कराए जाने के आदेश दे दिए गए हैं। दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।