नई दिल्ली, समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से अनशन करेंगे। अन्ना इस बार आंदोलन दिल्ली में नहीं बल्कि अपने गांव रालेगढ़ सिद्धि में करने जा रहे हैं। अन्ना ने सभी राजनीतिक दलों से इस अनशन से दूर रहने की अपील की है। बता दें कि कुछ दिन पहले समाजसेवी हजारे ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग की थी। बता दें कि साल 2013 में लोकपाल कानून बनाया गया था। उसके बाद साल 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आई। अन्ना बताते हैं कि हमें उम्मीद थी कि अब कुछ होगा लेकिन पांच साल में कुछ भी नहीं हुआ। इसलिए तय किया है कि मैं 30 जनवरी से अपने गांव रालेगढ़ सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठूंगा।
बता दें कि पिछले दिनों अन्ना हजारे ने पीएम मोदी के नाम एक खत लिखा था जिसनें लोकायुक्त की नियुक्ति की बात कही गई थी। अन्ना ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि केंद्र की मोदी सरकार देशवासियों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। लोकपाल और लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण कानून पर अमल नहीं होना और सरकार का बार-बार झूठ बोलना वह बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए मैंने फैसला किया है कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से आंदोलन करने का फैसला किया है। अपनी चिट्ठी में अन्ना ने कहा कि हमारे देश में संविधान को सबसे ऊपर दर्जा दिया गया है। लेकिन सरकार संवैधानिक संस्थाओं का पालन नहीं कर रही है। जिस कारण से देश के लोकतंत्र को खतरा हो गया है। अन्ना ने लिखा कि पिछली बार के आंदोलन से सीख लेते हुए सभी राजनीतिक दलों को स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि वह इस आंदोलन में शामिल न हों। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उनके कुछ पुराने साथी योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और कुमार विश्वास इस आंदोलन में हिस्सा ले सकते हैं।