मध्यप्रदेश भवन में ठहरने वालों को देना होगा उसका किराया,सीएम कमलनाथ ने दिए आदेश

भोपाल,मध्यप्रदेश भवन में मुफ्त में ठहरने का लुफ्त उठाने वाले सांसद-विधायक और अफसरों को अब आने वाले दिनों में पूरे पैसे चुकाने पड़ सकते है। मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नए भवन के शिलान्यास के मौके पर कहा कि ‘मुफ्त की व्यवस्था बंद होनी चाहिए, जो रुकेगा उन्हें पूरा पैसा चुकाना होगा। उन्होंने नए भवन में इस तरह की व्यवस्था बिल्कुल भी न रखने का सुझाव दिया’।
उन्होंने अफसरों से भवन के रखरखाव को लेकर रेवन्यू न्यूट्ल मॉडल तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह इससे कोई मुनाफा नहीं कमाना चाहते है, पर किसी को सब्सिडी भी नहीं देना चाहते है। वैसे भी प्रदेश के सामने ढेर सारी चुनौती है। इसकारण भवन का रखरखाव खुद अपनी आय से होना चाहिए। इसका बोझ राज्य सरकार पर नहीं पड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जिस तेजी से परिवर्तन हो रहा है, यदि हमें उससे जुड़ना है, तो यह परिवर्तन नीतियों, कानून और नियमों से नहीं हो सकता है, बल्कि इसके लिए सोच भी बदलने की जरूरत है’। नई दिल्ली स्थित ‘मध्य प्रदेश भवन’ में अभी जिन लोगों को मुफ्त में ठहरने की व्यवस्था है, उनमें विधायक, सांसद, अधिकारी या ऑन ड्यूटी कर्मचारी है। इनमें से विधायक हर महीने में पांच दिन तक मुफ्त में रह सकते है, जबकि पूर्व सांसद और पूर्व विधायक पूरे साल में सिर्फ पंद्रह दिन ही मुफ्त में रुक सकते है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए भी साल में एक महीने तक मुफ्त में रहने की व्यवस्था है। अधिकारी और कर्मचारी ऑन ड्यूटी कितने भी समय तक रह सकते है। मौजूदा समय में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सांसद, विधायक और उनके संबंधी ही करते है। खास बात यह है कि इन सभी से इस अवधि में खाने की भी न्यूनतम राशि ली जाती है।

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