मुंबई,पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। तेंदुलकर को एक शानदार क्रिकेटर बनाने में आचरेकर का अहम रोल निभाने वाले आचरेकर मुंबई के शिवाजी पार्क में युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित के लिए विख्यात थे।
2010 में अचरेकर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 1990 में उन्हें क्रिकेट कोचिंग की अपनी सेवाओं के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 12 फरवरी 2010 को उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन द्वारा ‘जीवन भर के अचीवमेंट’ से सम्मानित किया गया था।
सचिन तेंदुलकर के अलावा उन्होंने विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, समीर दिगे और बलविंदर सिंह संधू जैसे क्रिकेटरों को तराशा था। रमाकांत आचरेकर युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणास्रोत रहे हैं। 1988 में सचिन तेंदुलकर और विनोद काबंली ने स्कूल क्रिकेट में 664 रनों की पारी खेलकर नया रिकॉर्ड बनाया खा। सचिन की उम्र उस समय 15 साल से भी कम थी। वहीं, कांबली 16 साल के थे। उन्होंने शारदाश्रम विद्यामंदिर की ओर से खेलते हुए सेंट जेवियर्स के खिलाफ हैरिस शील्ड सेमीफाइनल में क्रमश: 326 और 349 रनों की पारी खेली थी। इस समय उनके कोच रमाकांच आचरेकर ही थे।