भोपाल, प्रदेश में पड रही कडाके की ठंड ने प्रदेश सरकार की मुश्किलें और बढा दी है। फसलों पर पाला गिरने से करीब दस जिलों की फसलें बर्बाद हो चुकी है। पाला प्रभावित क्षेत्रों के किसानों ने सरकार से तत्काल फसल सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है। कडाके ठंड के कारण पाला गिरने से इसकी जद में चना, अरहर, मसूर, सरसों, आलू और बैगन की फसलें आ गई हैं। भोपाल, इंदौर सहित 10 जिलों की लगभग पांच हजार हेक्टेयर की फसल खराब हो गई है। मौसम को देखते हुए कृषि विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए 28 लाख किसानों को एसएमएस भेजकर बचाव के उपाय भी सुझाए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में जिस तरह तापमान गिरा है, उससे रबी फसलें प्रभावित हो रही हैं। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, झाबुआ, धार, शाजापुर, अशोकनगर, रायसेन, मंडला सहित अन्य जिलों की फसलें प्रभावित हुई हैं। करीब पांच हजार हेक्टेयर रकबे की फसलें पाला गिरने की वजह से पांच से लेकर 15 फीसदी तक खराब हो गई हैं। कड़ाके की ठंड से लोग ठिठुर रहे तो आलू, धनिए व चने की फसलों पर खासा असर पड़ा है। फसलों में ओस की बूंदें जम गईं और आलू के पत्ते काले पड़े गए।
उज्जैन, मंदसौर, धार और देवास में पाला पड़ने से फसलों में हुई नुकसानी का कृषि विभाग के माध्यम से सर्वे शुरू हो चुका है। राजस्व विभाग ने एसडीएम स्तर पर टीमें गठित कर दी हैं। मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में ठंड का सितम जारी है। रविवार को 19 स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्रीसे. और उससे कम दर्ज किया गया। सबसे कम तापमान कान्हा नेशनल पार्क में शून्य डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा खजुराहो और उमरिया में तापमान एक डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, एक जनवरी को हिमालय क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ के पहुंचने के संकेत मिले हैं। अगले 24 घंटों के दौरान उज्जैन, रीवा, जबलपुर, सागर संभाग के जिलों में शीतलहर चलने की संभावना है। इस बारे में प्रमुख सचिव कृषि डॉ.राजेश राजौरा ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर शीत लहर को देखते हुए किसानों को बचाव के उपाय करने प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।